आरती भगवान् आदिनाथ (चांदखेड़ी) की – Aarti Bhagvan Aadinaath (Chandkhedi)


जगमग जगमग आरती कीजे, आदीश्वर भगवान् की |
जगमग जगमग आरती कीजे, आदीश्वर भगवान् की ||
प्रथमदेव अवतारी प्यारे, तीर्थंकर गुणवान की |
जगमग जगमग आरती कीजे, आदीश्वर भगवान् की ||

अवधपुरी में जन्मे स्वामी, राजकुँवर वो प्यारे थे |
मरु-माता बलिहार हुर्इ, जगती के तुम उजियारे थे ||
द्वार-द्वार पे बजी बधार्इ, जय हो दयानिधान की |
जगमग जगमग आरती कीजे, आदीश्वर भगवान् की ||

बड़े हुए तुम राजा बन गये, अवधपुरी हरषार्इ थी |
भरत-बाहुबली सुत मतवारे, मंगल-बेला आर्इ थी ||
करें सभी मिल जय जयकारे, भारत-पूत महान् की |
जगमग जगमग आरती कीजे, आदीश्वर भगवान् की ||

नश्वरता को देख प्रभुजी, तुमने दीक्षा धारी थी |
देख तपस्या नाथ तुम्हारी, यह धरती बलिहारी थी ||
प्रथमदेव तीर्थंकर की जय, महाबली बलवान की |
जगमग जगमग आरती कीजे, आदीश्वर भगवान् की ||

बारापाटी में तुम प्रकटे, चाँदखेड़ी मन भार्इ है |
जगह-जगह के आवे यात्री, चरणन शीश झुकार्इ है ||
फैल रही जगती में ‘नमजी’ महिमा उसके ध्यान की |
जगमग जगमग आरती कीजे, आदीश्वर भगवान् की ||

जगमग जगमग आरती कीजे, आदीश्वर भगवान् की |
जगमग जगमग आरती कीजे, आदीश्वर भगवान् की ||
प्रथमदेव अवतारी प्यारे, तीर्थंकर गुणवान की |
जगमग जगमग आरती कीजे, आदीश्वर भगवान् की ||


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