आचार्यश्री विद्यासागर जी का नेमावर से विहार, बुंदेलखंड आ सकते हैं


नेमावर। आचार्य संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज का मंगल विहार जैन तीर्थ क्षेत्र नेमावर जिला देवास से बुंदेलखंड की ओर हो गया। आचार्यश्री नेमावर में 27 नवंबर 2020 से विराजमान थे। मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि आचार्यश्री का वर्षाकालीन चातुर्मास इस बार बुंदेलखंड में होने की संभावना है। विहार से पहले आचार्य श्रीजी ने अपने संघ से कई उपसंघ बनाए हैं और यह सभी उपसंघ लगभग बुंदेलखंड में ही विराजमान होंगे।
मंगलवार को दोपहर 3 बजे आचार्यश्री नेमावर स्थित संत निवास से निकले तो सभी संघस्थ साधुओं ने तीन परिक्रमा कर नमोस्तु किया। उसके बाद आचार्यश्री नर्मदा नदी के किनारे बन रहे त्रिकाल चौबीसी मंदिर, पंच बालयति मंदिर और सहस्त्र कूट जिनालय को देखने पहुंचे। वहां विराजमान श्रीजी की मूर्तियों के दर्शन किए और फिर वहां से विहार कर 7 किलोमीटर चलकर इंदौर मार्ग पर स्थित संदलपुर ग्राम पहुंचे।

यहां से दो रास्ते हैं, एक रास्ता खातेगांव, कन्नौद, आष्टा, सीहोर होता हुआ भोपाल-विदिशा को जाता है। जबकि दूसरा रास्ता संदलपुर से रेहटी, नसरुल्लागंज होते हुए गैरतगंज की ओर होकर जाता है। इस वर्ष चातुर्मास की कलश स्थापना 23 जुलाई को होनी है। अभी एक माह का समय है सागर से नेमावर की दूरी लगभग 295 किलोमीटर है। शहर के लोगों को उम्मीद है कि इस बार आचार्य संघ का चातुर्मास भाग्योदय सागर को मिलेगा। सागर में सर्वतो भद्र जिनालय का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। यह विश्व का एकमात्र जिनालय है, जो चतुर्मुखी बन रहा है। तीन खंड के इस जिनालय की ऊंचाई 216 फिट है। इस मंदिर के निर्माण में भुज, मकराना, पठारी, आदि का पत्थर उपयोग हो रहा है।
गुरु आज्ञा पर कई मुनिश्री संघों का भी होगा विहार

वर्तमान में सागर में निर्यापक मुनिश्री समय सागर जी महाराज 13 मुनि महाराजों के साथ विराजमान है। आचार्यश्री के साथ नए उपसंघ बने हैं। उनमें निर्यापक मुनिश्री योगसागर महाराज, मुनिश्री अक्षयसागर, मुनिश्री पूज्य सागर के संघ का चातुर्मास कुंडलपुर में होने की संभावना है। मुनिश्री संभव सागर महाराज 30 जून तक नेमावर में ही विराजमान रहेंगे। संभव सागर महाराज का चातुर्मास भोपाल में होने की संभावना है। मुनिश्री अक्षय सागर महाराज और मुनिश्री विशदसागर महाराज का संघ नेमावर में ही रुका हुआ है। कुछ दिनों बाद इनका विहार गुरु आज्ञा के अनुसार होगा।

जबकि मुनिश्री सौम्य सागर महाराज, मुनि विनम्रसागर महाराज के संघ में 10 मुनिराज हैं। इनका चातुर्मास विदिशा, दुर्लभ सागर महाराज तीन मुनिजनों के साथ मंडी बामोरा, मुनिश्री निर्दोष सागर महाराज और निर्लोभ सागर महाराज बेगमगंज में, मुनिश्री निरुपम सागर महाराज, निरापद सागर महाराज का संघ पठारी में चातुर्मास करने की संभावना है। सागर जिले में आर्यिका पूर्णमति माताजी का चातुर्मास शाहपुर में होगा। वर्तमान में नेहानगर मकरोनिया सागर में आर्यिका अनंतमति माताजी और आर्यिका भावना मति माताजी विराजमान है। मुनिश्री प्रशांतसागर जी महाराज और मुनि श्री निर्वेग सागर जी महाराज का विहार बंडा से बीना की ओर चल रहा है। उनका आज 23 जून को सागर में प्रवेश होगा। कुछ दिन भाग्योदय में रुकने के बाद आगे विहार जारी रहेगा। मुनिश्री वीर सागर जी महाराज बड़ागांव दिल्ली से विहार का करगुवां झांसी पहुंच रहे हैं। जबकि मुनि प्रणम्य सागर महाराज और चंद्रसागर महाराज का चातुर्मास तीर्थ क्षेत्र सोनागिर में होगा।

 

— अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

 


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