दरिद्रता भगानी है तो भगवान की भक्ति करो : संत विशल्य भारती


मध्य प्रदेश के भिंड नगर में किला रोड स्थित भगवान आदिनाथ जैन मंदिर में हो रहे दोदिवसीय महामृत्युंजय विधान के अंतिम दिन संत विशल्य भारती भैया जी श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान की भक्ति से दरिद्रता दूर होती है। परिणामों की निर्मलता से की गयी भक्ति चमत्कार पैदा करने के साथ श्रद्धा और शुद्धिपूर्ण भक्ति अतिशय पैदा करती है। भगवान बनने का प्रवेश द्वारा ही भक्ति है। इसलिए भक्ति से मुक्ति का द्वार खुलता है। विधान प्रतिष्ठाचार्य शशिकांत शास्त्री ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना करवाकर श्रद्धालुओं द्वारा 160 अर्घ समर्पित करवाकर हवन किया। भैयाजी ने कहा कि अनुष्ठान विधान में बीजाक्षरों का प्रयोग राष्ट्र के वातावरण को शुद्ध करता है। मंत्रों के प्रभाव से प्राकृतिक आपदाएं दूर होती हैं। महामृत्युंजन अनुष्ठान देश एवं वि में होने वाली अनहोनी आपदाओं को दूर करती हैं, जिससे चारों ओर सुख-शांति का वातावरण मुखर होता है। विधान में संत विशल्य भारती जैया जी ने सानिध्य में विराग संस्कार शिक्षण शिविर एवं महामृत्युंजय विधान के सफल आयोजन पर जैन समाज की सामाजिक संस्था जैन मिलन द्वारा महिला अंजना ने भैयाजी का सम्मान किया। इस मौके पर रेखा जैन, लाली जैन, नीलू जैन, शैलू जैन, बादशशह जैन, प्रभाष जैन, नरेश जैन, महेश जैन, वीरेंद्र जैन, सुनील जैन सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे। गुरूवार गुरूसेवा श्रुत संवर्धन धार्मिक शिक्षण शिविर में प्रशिक्षार्थियों ने महावीरगंज स्थित गुना बाई जैन मंदिर से प्रभात फेरी निकाली। रैली राय टाकीज, सदर बाजार होते हुए पुस्तक बाजार स्थित परेड जैन मंदिर पहुंची।

Web Title: god’s devotion escape poverty

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