दूसरों के काम आएं : राष्ट्र संत आचार्य श्री ज्ञानसागर

क्षेत्रपाल जैन मंदिर में शनिवार को आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज धर्मसभा को संबोधित करते हुए

ललितपुर। क्षेत्रपाल जैन अतिशय क्षेत्र में शनिवार को धर्मसभा को संबोधित करते हुए सराकोद्धारक राष्ट्र संत जैनाचार्य ज्ञानसागर जी महाराज ने अपनी मङ्गलवाणी में कहा कि प्रकृति का कण-कण हमें परोपकार की शिक्षा देता है- नदियाँ परोपकार के लिए बहती हैं, वृक्ष धूप में रहकर हमें छाया देता है, सूर्य की किरणों से सम्पूर्ण संसार प्रकाशित होता है । चन्द्रमा से शीतलता, समुद्र से वर्षा, पेड़ों से फल-फूल और सब्जियाँ, गायों से दूध, वायु से प्राण शक्ति मिलती है।
उन्होंने आगे कहा कि परोपकार के अनेक रूप हैं जिसके द्वारा व्यक्ति दूसरों की सहायता कर आत्मिक आनन्द प्राप्त करता है । जैसे-प्यासे को पानी पिलाना, बीमार या घायल व्यक्ति को हस्पताल ले जाना, वृद्धों को बस में सीट देना, अन्धों को सड़क पार करवाना, अशिक्षित को शिक्षित करना, भूखे को रोटी, वस्त्रहीन को वस्त्र देना, गोशाला बनवाना, मुक्त चिकित्सालयों में अनुदान देना, प्याऊ लगवाना, छायादार वृक्ष लगवाना, शिक्षण केन्द्र और धर्मशाला बनवाना परोपकार के रूप हैं ।
आज का मानव दिन प्रतिदिन स्वार्थी और लालची होता जा रहा है, दूसरों के दु:ख से प्रसन्न और दूसरों के सुख से दु:खी होता है । मित्र की सहायता करने के स्थान पर संकट के समय भाग खड़ा होता है ।
उन्होंने कहा कि सड़क पर घायल पड़े व्यक्ति को देखकर अनदेखा कर देता है । उस व्यक्ति के करुण-क्रन्दन से उसका दिल नही पसीजता । दूसरे की हानि में उसे अपना लाभ दिखाई देता है । मानव जीवन बड़े पुण्यों से मिलता है उसे परोपकार जैसे कार्यों में लगाकर ही हम सच्ची शान्ति प्राप्त कर सकते हैं । यही सच्चा सुख और आनन्द है । परोपकारी व्यक्ति के लिए यह संसार कुटुम्ब बन जाता है- ‘वसुधैव व्युटुम्बकम्’ । परोपकार ही पुण्य है और दूसरों को दु:ख देना पाप ।परोपकार: पुण्याय: पापाय पर पीडनम्। मानव को तुच्छ वृत्ति छोड़ कर परोपकारी बनना चाहिए । उसे यथा-शक्ति दूसरों की सहायता करनी चाहिए । दूसरों के दर्द को समझें।  व्यक्ति को कभी भी दूसरों को दर्द नहीं देना चाहिए, दूसरों को अगर आप खुशी नहीं दे सकते तो दुःख भी न दें।
मत सता जालिम किसी को, मत किसी की हाय लो।
औरों को अगर तुम सताओगे, तो खुद सताए जाओगे।।
आचार्यश्री ने आगामी 15 मई को क्षेत्रपाल जैन मंदिर में होने जा रही कॅरियर काउंसलिग के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक करियर काउंसलर का काम केवल आपका भविष्य सवारना ही नहीं है, वह मानसिक रूप से भी आपकी मदद करते हैं। आप अगर किसी समस्या में हैं, तो उसको समझकर उसका समाधान एक मानसिक सलाहकार का काम है।
 कॅरियर काउंसलिग में एक काउंसलर  का काम है- आप में आत्मविश्वास जगाना। आप की प्रतिभा पर रोशनी डाल कर आपको उस ओर प्रोत्साहित करना। आपका मनोबल बढाना।आपके भविष्य के लिए सबसे सही निर्णय बताना। सही नौकरी की चुनौती में मदद करना, ताकि आपको काम में संतुष्टि भी मिले और आर्थिक रूप से सुरक्षा भी मिले।आपको भविष्य में आर्थिक सुरक्षा का अर्थ समझाना।
 आपकी महत्वाकांक्षा को हासिल करने में आपकी सहायता करना। तनाव से दूर करना।कॅरियर काउंसलिग व्यक्ति को आत्महत्या से बचाती है। आज काउंसलिग की जरूरत सिर्फ छात्रों के लिये नहीं है, इसकी जरूरत एक करोड़ रुपये की मासिक वेतन पाने वाले को भी है। उन्होंने आह्वान किया कि 15 मई को क्षेत्रपाल मंदिर में होने जा रही कॅरियर काउंसलिग में बच्चों के माता-पिता भी सम्मिलित हों क्योंकि आज अभिभावकों को भी इसकी सख्त जरूरत है।
दोपहर स्वाध्याय की कक्षा में आत्मानुशासन की कक्षा में बड़ी संख्या में स्वाध्याय प्रेमी सम्मलित होकर धर्म लाभ ले रहे हैं। इस अवसर पर आचार्यश्री ने कहा कि शरीर नश्वर है और आत्मा अजर-अमर है। हमें शरीर की नहीं आत्मा की चिंता करना चाहिए। सबसे बड़ा धन संतोष है। जिसके जीवन में संतोष धन है वास्तव में वही सच्चा धनवान और सुखी है। शाम को आचार्य भक्ति और ब्र. अनिता दीदी, रेखा दीदी के प्रेरणादायी प्रवचन हो रहे हैं।
इस अवसर दिल्ली, भोपाल, गाजियाबाद से आये श्रावक श्रेष्ठिजनों ने आचार्य श्री विद्यासागर जी आचार्य श्री सुमतिसागर जी के चित्र का अनावरण और दीप प्रज्वलन किया। आचार्यश्री के कर कमलों में महिला मण्डल ने शास्त्र भेंट किया। मंगलाचरण डॉ. सुनील संचय ने किया। संचालन जैन पंचायत के महामंत्री डॉ अक्षय टडैया ने किया। धार्मिक आयोजन समिति के संयोजक  मनोज बबीना ने आगामी 15 मई को होने जा रही कॅरियर काउंसलिग की जानकारी से सभी को अवगत कराया।
इस अवसर पर  जैन पंचायत  महामंत्री डाॅ. अक्षय टडै़या, प्रबन्धक द्वय  राजेन्द्र लल्लू थनवारा, मोदी पंकज जैन , ज्ञानचन्द इमलिया, उपाध्यक्ष मीना इमलिया, प्रदीप
सतरवास,शीलचंद्र अनौरा, मनोज बबीना,अक्षय अलया, डॉ. सुनील संचय,  जिनेंद्र जैन  डिस्को ,अभिषेक अनौरा,गेंदालाल सतभैया,अखिलेश गदयाना, सतीश जैन,जिनेंद्र थनवारा,  राजेश जैन,सतेंद्र जैन गदयाना चुनाव अधिकारी, महेन्द जैन पंचमनगर, सनत खजुरिया,नरेंद्र राजश्री, देश के जाने-माने कवि युगल सौरभ सुमन-अनामिका अम्बर मेरठ, मनीष जैन गाजियाबाद, संजीव जैन, संजय मोदी,पंडित गुलाब चंद्र जैन, पंडित वीरेन्द्र जैन,  सुरेन्द्र जैन शास्त्री, शिक्षक प्रफुल्ल जैन,विकास जैन, राहुल जैन,दीप्ति जैन, अमित जैन आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण, श्रेष्ठि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
आज के दौर में मीडिया की अहम भूमिका : आचार्यश्री
इस अवसर पर दैनिक अमर उजाला के ब्योरो प्रमुख अंकित द्विवेदी और आशीष रिछारिया ने आचार्यश्री को श्रीफ़ल समर्पित कर आशीर्वाद लिया । जैन पंचायत की ओर से उनका सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आचार्यश्री ने कहा कि आज के इस दौर में मीडिया की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मीडिया समाज को एक नई दिशा दिखा सकता है। मीडिया के माध्यम से युवाओं को व्यसन मुक्त और शाकाहार के प्रति जागरूक किया जा सकता है। मीडिया समाज का पथ प्रदर्शक होता है।

 

  • डॉ सुनील जैन संचय

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