जैन समाज कामां ने मुनिश्री चिन्मय सागर महाराज को दी विनियांजली


जंगल वाले बाबा के नाम से विख्यात जैन मुनि चिन्मय सागर महाराज के समाधि मरण होने पर जैन समाज कामां द्वारा वर्षा योग समिति के तत्वाधान एवं जैन आचार्य विनीत सागर महाराज के सानिध्य में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर अपनी भावभीनी विनियांजली देकर उत्कृष्ट समाधी की अनुमोदना की।

श्रद्धांजलि सभा का शुभारंभ जैन मुनि चिन्मय सागर महाराज के चित्र के समक्ष वर्षा योग समिति  एवं महिला मंडल के पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया तो सत्येंद्र प्रसाद जैन, अंजू जैन, अंशु जैन, वर्षा योग समिति के प्रचार मंत्री संजय जैन बड़जात्या ने चिन्मय सागर महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा की अंतिम समय में तीस दिनों की लंबी साधना कर अपनी ही जन्मभूमि कर्नाटक प्रान्त के जुगुल गांव में समाधि मरण को प्राप्त किया ।

इस अवसर पर जैनाचार्य  विनीत सागर महाराज ने कहा की चिन्मय  सागर महाराज की साधना बहुत ही उत्कृष्ट थी। आचार्य शांतिसागर के बाद तीस दिनों की लंबी साधना किसी और संत की नहीं हुई है जैन दर्शन में नियम और यम दो प्रकार की सल्लेखना का उल्लेख आता है उन्होंने पहले नियम और फिर यम सल्लेखना धारण कर समाधिमरण को प्राप्त किया है। श्रद्धांजलि सभा का संचालन वर्षा योग समिति के महामंत्री संजय सर्राफ ने किया तो समापन पर उपस्थित सभी लोगों ने णमोकार महामंत्र वह दो मिनट का मौन रखकर अपनी श्रद्धांजलि दी।

केशलोंच हुआ सम्पन्न:-

विजय मति त्यागी आश्रम कामा में वर्षा योग रत जैनाचार्य  विनीत सागर महाराज व का केश लोच शनिवार को सम्पन्न हुआ इस अवसर पर उन्होंने स्वयं अपने ही हाथों से अपने बालों का लोचन किया।

— संजय जैन बड़जात्या


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