कमलदह जी सिद्ध क्षेत्र (पटना सिटी) में जैन श्रद्धालुओं ने धूमधाम के साथ मनाया भगवान नेमिनाथ का निर्वाण महोत्सव।


पटना सिटी : गुलजारबाग स्थित श्री कमलदह जी दिगम्बर जैन मंदिर में जैन धर्म के 22 वें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ जी का मोक्ष कल्याणक महोत्सव सोमवार को धूमधाम के साथ मनाया गया।

इस आयोजन पर जिनालय में जैन श्रद्धालुओं द्वारा प्रातःकाल मांगलिक क्रियाओं के साथ मूलनायक श्री 1008 भगवान नेमिनाथ का प्रासुक जल से मस्तकाभिषेक , जलाभिषेक  एवं विश्व की सुख-शांति-समृद्धि की कामना करते हुए पारंपरिक रूप से शांतिधारा किया गया।

जिनेन्द्र देव के अभिषेक , शांतिधारा के उपरांत जैन अनुयायियों ने देव शास्त्र गुरु पूजा , भगवान नेमिनाथ पूजा , अष्ट द्रव्यों के साथ श्रद्धा-भक्ति और समर्पण भाव से अर्घ्य समर्पित कर विशेष पूजन-अर्चना किया।

तत्पश्चात भगवान नेमिनाथ के निर्वाणोत्सव पर निर्वाणकाण्ड पाठ का सामूहिक उच्चारण करते हुए मोक्ष के प्रतीक स्वरूप निर्वाण लाडू (मोदक) प्रभु के चरणों में अर्पण कर श्रावकों के मन मुदित हो उठे ।

जिनेन्द्र देव के भक्ति-भजन के दौरान श्रद्धालुगण भक्तिरस में खूब झूमे।

भक्तिमय वातावरण में महाअर्घ्य समर्पण , शांतिपाठ एवं विसर्जन के साथ विधिवत रूप से पूजन सम्पन्न हुई ।

इसके पश्चात जिनेन्द्र प्रभु की मंगल आरती उतारी गई।

प्रवीण जैन ने बताया कि तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ को आषाढ़ शुक्ल सप्तमी के दिन गिरनार जी पर्वत से मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। इस पावन अवसर पर जैन श्रद्धालु प्रभु के चरणों में हर्षोल्लास पूर्वक निर्वाण लाडू चढ़ाकर भक्ति आराधना करते है।

वहीं बताया गया कि मंगलवार को श्री कमलदह जी दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र में जैन संतो का संघ आचार्य श्री 108 विपुल सागर जी महाराज , आचार्य श्री 108 भद्रबाहु सागर जी महाराज , मुनि श्री 108 भरतेश सागर जी महाराज ससंघ का मंगल प्रवेश होगा ।

जो 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण भूमि पावापुरी (नालन्दा) से ग्रीष्म प्रवास के उपरांत पदविहार करके पटना सिटी पहुंचेंगे ।

मालूम हो कि जैन संतो का चार माह का वर्षायोग का सौभाग्य पटना जैन समाज को प्राप्त हुआ है जिसको लेकर सकल जैन समाज के बीच हर्ष का महौल है।

इस अवसर पर मंदिर प्रबंधक संजीव जैन , अतुल जैन , सहित प्रवीण जैन , विपिन जैन , सुनील जैन छाबड़ा , दीपक जैन छाबड़ा ,अशोक जैन छाबड़ा , निर्मल जैन , विनय जैन , कुसुम कैलाश जैन , अनिल मालाकार आदि काफी संख्या में जैन समाज शामिल हुए।

 

— प्रवीण जैन (पटना)


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