विहाररत मुनि श्री विश्वनाथ सागर को अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर, हुआ निधन


राजस्थान के सीकर के दांतारामगढ़ में विहाररत जैन मुनि श्री विश्वनाथ सागर को एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी, जिससे उनका निधन हो गया। जानकारी के मुताबिक श्री विश्वनाथ सागर गुरुवार की सायं जीजोठ के लिए विहार पर ट्राइसाइकिल पर निकले थे और उनके साथ तीन सेवादार भी थे। दांता से निकलते ही झाड़ली तलाई के पास एक अज्ञात वाहन ने मुनि की ट्राइसाइकिल में जोरदार टक्कर मार दी, जिससे वे नीचे गिर गये और गंभीर रूप से घायल हो गये। मुनि को दांता सीएचसी ले जाकर पुलिस को अवगत कराया गया।

मौके पर पहुंची पुलिस ने प्राथमिक उपचार कराया किंतु मुनिश्री की गंभीर हालत को देखते हुए जयपुर के लिए रैफर कर दिया। जयपुर ले जाते समय रास्ते में ही उनका निधन हो गया। दुर्घटना की सूचना पाकर बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग अस्पताल में एकत्रित हो गये। पुलिस मामले की जांच कर रही है और वाहन चालक की तलाश में जुटी है। इधर दांतारामगढ़ के जैन समाज मुनिश्री विास सागर जी मौत का समाचार सुनकर शोकमय हो गया । शुक्रवार को मुनिश्री के अंतिम दर्शनाथ उनका पार्थिव शरीर नेमीताल भवन में रखा जाएगा1 इसके बाद दोपहर में मुनिश्री की अंतिमयात्रा बड़े जैन मंदिर से रवाना होगी, जो दांता चौपड़ होकर मुख्य बाजार होती हुई नसियां जी पहुंचेगी, यहीं मुनिश्री का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

अंतिम संस्कार दांता में होगा: जैन मुनि विनाथ सागर का अंतिम संस्कार शुक्रवार को दांता में किया जाएगा। जैन मुनि का शव दांता लाया जा रहा है। उनकी अंतिम यात्रा शुक्रवार को दोपहर दो बजे जैन मंदिर के सामने से रवाना होगी जो दांता चौपड़ होकर मुख्य बाजार से होती हुई निसंया पहुंचेगी जहां जैन मुनि का अंतिम संस्कार किया जाएगा। जैन समाज के अध्यक्ष सुनील झाझरी ने बताया कि इससे पहले जैन मुनि का शव अंतिम दशर्न के लिए नेमीताल भवन में रखा जाएगा। जैन मुनि की अंतिम यात्रा में दांतारामगढ़ के अलावा, जयपुर, अजमेर, किशनगढ़, सीकर सहित विभिन्न स्थानों ने जैन समाज के लोग शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि जैन मुनि विगत चार दिनों से दांता में ही विहार पर थे, जो शुक्रवार को जीजोठ के लिए रवाना हुए थे।


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