संयम का उपकरण है पिच्छिका : मुनि विशोक सागर


गुरुग्राम। सभी धर्म, सम्प्रदायों में साधकों की अपनी-अपनी पहचान है। करपात्री, पदयात्री दिगम्बर जैन मुनि का स्वरूप भी निर्धारित है। नग्नता, केशलौंच, श्रृगार रहितता, अपरिग्रहता, हिंसादि, सावध कार्य से रहित और पिच्छिका कमडलु, यह दिगम्बर मुनि का बाह्य स्वरूप है। उक्त विवेचन श्रमण मुनि श्री 108 विशोक सागर मुनिराज ने आज वर्षायोग समापन के अवसर पर श्रीदिगम्बर जैन बारादरी में आयोजित पिच्छिका परिवर्तन समारोह में उपस्थित कहे।

मुनिश्री ने बताया कि मुनि चर्या में पिच्छिका, कमंडलु एवम् शास्त्र क्रमशः संयम पालन, शुद्धि व ज्ञानाराधना के लिए आवश्यक उपकरण है। पिच्छिका दिगम्बर जैन साधु का अत्यंत आवश्यक उपकरण है। साधु कमंडलु के बिना तो शायद दो-तीन दिन निकाल सकता है परन्तु पिच्छिका के बिना कुछ कदम भी नही चल सकता।

पिच्छिका की विशेषता बताते हुए गुरुदेव ने कहा कि जो मयूर पंख स्वयं छोड़ देता है उन्हीं पंखों से पिच्छिका बनायी जाती है। मयूर पंख धूलि और पसीने को ग्रहण नहीं करते, कोमल होता है एवं हल्का होता है। पिच्छिका से सुक्ष्म से सुक्ष्म जीवों को भी कोई नुकसान नहीं पहुचती है। 600-700 पंखों को एकत्रित कर तथा बांध कर पिच्छिका बनायी जाती है जो एक वर्ष तक आराम से कार्य में आ सकती है। इस समय के उपरांत पिच्छिका बदल लेना उचित रहता है।

मुनिश्री ने कहा कि यद्वपि पिच्छिका परिवर्तन साधु की आन्तरिक क्रिया है। लेकिन समाज में धर्म प्रभावना हो इसलिए वर्तमान मं इसे एक समारोह का रूप दे दिया है। पुरानी पिच्छिका प्राप्त करने वाला श्रावक कुछ न कुछ संयम धारण करता है तब ही उसे यह पिच्छिका प्राप्त होती है।

कार्यक्रम का दौरान अंतराष्ट्रीय स्तर की भरत नाटयम नृत्यांगना काव्या जैन ने अपने नृत्य के माध्यम से कार्यक्रम में शमा बांध दिया। इस समारोह में हरियाणा प्रदेश ही नहीं अपितु उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली से सैकड़ों की संख्या में गुरुभक्त उपस्थित थे।

इस अवसर पर विराग ज्ञानवर्धक प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा मुनिश्री के निर्देशन में की गई जिसमें क्रमशः सुमित्रा जैन, हांसी प्रथम, अन्नु जैन, दिल्ली ने द्वितीय तथा रीना जैन मुजफ्फरनगर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता में 11 प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार सम्मानित किया गया। उत्कृष्ट लेख के लिए 6 महिलाएं क्रमशः अर्चना जैन, कोमल जैन, रेनू जैन, सुषमा जैन, उर्मिला जैन व शोभा जैन को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान श्री दिगम्बर जैन समाज कमेटी के सदस्य राजकुमार जैन, निर्दोष जैन, सुशील जैन, पूर्व प्रधान नरेश जैन, अशोक जैन, अवनीश जैन, पुष्प चन्द जैन, अभय जैन, नरेश जैन (एसबीआई)ए विनोद जैन, संजय जैन, विपिन जैन, अवनीश जैन, अमित जैन, श्रैयांश जैन, देवेन्द्र जैन, नवीन जैन, उत्तम चन्द जैन, ऋषभ जैन आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।


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