आचार्यश्री के जीवनवृत्त पर नवनिर्मित फिल्म विद्योदय 30 जून को दिखाई जाएगी।


जीवन में सब कुछ छोड़ संयम, त्याग, तपस्या के मार्ग पर चलने वाले जैन साधुओं में से जैन धर्म के महातपस्वी और संयमी महामुनिराज आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज का 50वां दीक्षा महोत्सव दिवस पूरे देश में संयम महोत्सव के रूप में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन देश के प्रमुख नगरों में आचार्यश्री के जीवनवृत्त पर आधारित एक फिल्म विद्योदय एक साथ दिखाई जाएगी।

संयम महोत्सव समिति के अध्यक्ष श्री विनोद चौधरी और अनुपम चौधरी ने बताया कि 72वें वर्षीय आचार्यश्री के जीवनवृत्त पर आधारित फिल्म मुम्बई में तैयार की गई है। यह फिल्म लगभग पौने दो घंटे की है। इसमें आचार्यश्री की दीक्षा महोत्सव से लेकर वर्तमान तक की संयम यात्रा को चित्रित किया गया है। नवनिर्मित यह फिल्म 30 जून को लोगों को दिखाई जाएगी।

संयम महोत्सव की तैयारियों को लेकर नया बाजार स्थित जैन मंदिर में एक मीटिंग का आयोजन किया गया, जहां विभिन्न लोगों को महोत्सव की जिम्मेदारियां दी गई। बैठक में संयोजक आर के जैन, पारस जैन, डा. वी के जैन, अनुपम चौधरी, विमल चौधरी, अनिल जैन, प्रशांस सिंघई आदि लोग उपस्थित थे। ज्ञातव्य हो कि आचार्यश्री का जन्म 10 अक्टूबर, 1946 में कर्नाटक के बेलगांव नगर के सदलगा गांव में हुआ था।

हाईस्कूल करने के बाद वर्ष 1967 में आचार्य देशभूषण महाराज जी से ब्रह्मचर्य व्रत धारण किया और 22वें वर्ष की युवा अवस्था में 30 जून, 1968 को अजमेर में आचार्य ज्ञानसागर जी महाराज से मुनि दीक्षा प्राप्त कर विद्याधर से विद्यासागर जी बन गये।


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