अमृत से गगरी भरो की आज प्रभु का न्ह्वन करेंगे


ललितपुर विकासखंड मडावरा के निकटवर्ती बुन्देलखण्ड की पावनधरा विन्ध्यगिरी की पर्वत मालाओ एवं धसान नदी के तट पर मध्य प्रदेश की सीमा स्थित श्री 1008 अतिशय क्षेत्र गिरारगिरी जिला ललितपुर (उ.प्र.) में भगबान आदिनाथ जन्म कल्याणक के सुअवसर पर सुबह 7.30 बजे भगवान का महामस्तकाभिषेक शांतिधारा आरती पूजन श्री १००८ भक्तामर महामंडल विधान के पश्चात भगवान आदिनाथ की विशेष पूजा अर्चना की जिसमे 48 अर्घ चढ़ाये गए तत्पश्चात पूजन शान्तिपाठ महार्घ के साथ विसर्जन किया गया शांतिधारा करने का सोभाग्य श्री अभिषेक जैन दीपू व् नीलेश जैन बरायठा को प्राप्त हुआ जिसमें श्रावकों की ओर से अर्घ्य समर्पित किए

क्षेत्र के मिडिया प्रभारी उमेश जैन नैकोरा ने बताया की भक्तामर महामंडल विधान का आयोजन किया गया धर्म प्रभावना और विश्व शांति के उद्देश्य से भक्तामर महामंडल विधान का आयोजन किया गया भक्तामर स्त्रोत विधान लिखने संबंधी कथा का वर्णन करते हुए कहा इस काव्य में 2688 अक्षर हैं। यह ऐसा महान काव्य है जिसको पूर्ण श्रद्धा भक्ति से पढ़ने पर रुके हुए काम भी बन जाते हैं। भगवान आदिनाथ का एक बार भक्ति से नाम लेने से 48 यात्रा का लाभ मिलता है।

भगवान आदिनाथ स्वामी का जन्माभिषेक किया गया तथा श्री १००८ भक्तामर महामंडल विधान के 48 अर्घ समर्पित किये

महामंत्री अभिषेक जैन मड़ावरा ने बताया की जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ का जन्म चैत्र कृष्ण नौवीं के दिन सूर्योदय के समय हुआ। उन्हें ऋषभनाथ भी कहा जाता है। उन्हें जन्म से ही सम्पूर्ण शास्त्रों का ज्ञान था। वे समस्त कलाओं के ज्ञाता और सरस्वती के स्वामी थे। युवा होने पर कच्छ और महाकच्‍छ की दो बहनों यशस्वती (या नंदा) और सुनंदा से ऋषभनाथ का विवाह हुआ।

इस दौरान महामंत्री अभिषेक जैन मड़ावरा, राजेश जैन , मयंक जैन कल्लू, प्रदीप जैन खुटगुवा, कमलेश जैन पप्पू , प्रतेश जैन,गुलाब जैन,  सुधीर जैन, योगेश जैन, उमेश जैन नेकोरा, शीतल जैन , राजेन्द्र जैन, नीरज जैन  आदि का योगदान महत्वपूर्ण रहा। आयोजन को सफल बनाने में  अतिशय क्षेत्र गिरारगिरी के ट्रस्ट कमेटी, प्रबंधकारिणी समिति, महोत्सव की उप समिति, विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग रहा।

— उमेश जैन नैकोरा


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