कोरोना वाइरस से बचने के लिए जैन धर्म के अहिंसा, शाकाहार, करुणा के सिद्धांत पर विश्व को चलना होगा : मुनि जिनानंद महाराज


जम्बू स्वामी तपोस्थली बोल खेड़ा पर पूज्य जैनाचार्य वसुनंदी महाराज के शिष्य मुनि जिनानंद महाराज के सानिध्य एव धरणेन्द्र शास्त्री साढुमल मध्यप्रदेश के निर्देशन में विश्व शांति हेतु 35 दिवसीय णमोकार महाअर्चना एवं विधान का आयोजन किया जा रहा है।

तपोस्थली के प्रचार प्रभारी संजय जैन बड़जात्या के अनुसार  प्रतिदिन जिन सहस्त्रनाम के 1008 जाप की महा आहुति एवं णमोकार महामंत्र विधान आयोजित हो रहा है।  इस अवसर पर मुनि श्री जिनानंद महाराज ने कहा कि णमोकार महामंत्र के जाप से संपूर्ण कष्टों का निवारण तो होता ही है साथ ही मानसिक शांति भी मिलती है। जहां सम्पूर्ण विश्व कोरोना वाइरस से पीड़ित है वही जैन धर्म के अहिंसा,शाकाहार ,करुणा,जीव दया के सिद्धांत आज प्रासंगिक नजर आ रहे हैं जिस पर सम्पूर्ण विश्व को चलना ही होगा। सभी से अपील करते हुए मुनि श्री ने कहा कि सभी अपने अपने स्थान पर समय का निर्धारण कर णमोकार मन्त्र की एक माला का जाप्य अवश्य करे। णमोकार महामंत्र में 35 अक्षर होते हैं इसीलिए 35 दिवसीय णमोकार महा अर्चना एवं जाप अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है।


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