आरती श्री मुनिसुव्रतनाथजी (पैठण) – Aarti Shri Munisuratnaath Ji (Paithan)


ॐ जय मुनिसुव्रतस्वामी, प्रभु जय मुनिसुव्रत स्वामी |
भक्ति भाव से प्रणमूँ, भक्ति भाव से प्रणमूँ ||
जय अंतरयामी, ॐ जय मुनिसुव्रतस्वामी ||

राजगृही में जन्म लिया प्रभु, आनंद भयो भारी -2 |
सुर नर मुनि गुण गाएँ -2, आरती कर थारी ||
ॐ जय मुनिसुव्रतस्वामी ||

पिता तिहारे सुमित्र राजा, शामा के जाये -2 |
श्यामवर्ण मूरत तेरी -2, पैठण में अतिशय दर्शाये ||
ॐ जय मुनिसुव्रतस्वामी ||

जो ध्यावे सुख पावे, सब संकट दूर करें -2 |
मनवाँछित फल पावे -2, जो प्रभु चरण धरें ||
ॐ जय मुनिसुव्रतस्वामी ||

जन्म-मरण दु:ख हरो प्रभु, सब पाप मिटे मेरे -2 |
ऐसी कृपा करो प्रभु हम पर -2, दास रहें तेरे ||
ॐ जय मुनिसुव्रतस्वामी ||

निजगुण-ज्ञान का दीपक, ले आरती करुं थारी -2 |
सम्यग्ज्ञान दो सबको -2, जय त्रिभुवन स्वामी ||
ॐ जय मुनिसुव्रतस्वामी ||

ॐ जय मुनिसुव्रतस्वामी, प्रभु जय मुनिसुव्रत स्वामी |
भक्ति भाव से प्रणमूँ, भक्ति भाव से प्रणमूँ ||
जय अंतरयामी, ॐ जय मुनिसुव्रतस्वामी ||


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