चतुर्विंशति तीर्थंकर स्वस्ति मंगल पाठ – Chaturvinsati Tirthankar Swasti Mangal Paath


श्रीवृषभो नः स्वस्ति, स्वस्ति श्रीअजितः |
श्रीसंभवः स्वस्ति,स्वस्ति श्रीअभिनंदनः |
श्रीसुमतिः स्वस्ति, स्वस्ति श्रीपद्मप्रभः |
श्रीसुपार्श्वः स्वस्ति, स्वस्ति श्रीचन्द्रप्रभः |
श्रीपुष्पदंतः स्वस्ति, स्वस्ति श्रीशीतलः |
श्री श्रेयान्सः स्वस्ति, स्वस्ति श्रीवासुपूज्यः |
श्रीविमल स्वस्ति, स्वस्ति श्रीअनंतः |
श्रीधर्मः स्वस्ति, स्वस्ति श्रीशान्तिः |
श्रीकुंथुः स्वस्ति, स्वस्ति श्रीअरहनाथः |
श्रीमल्लिः स्वस्ति, स्वस्ति श्रीमुनिसुव्रतः |
श्रीनमिः स्वस्ति, स्वस्ति श्रीनेमिनाथः |
श्रीपार्श्वः स्वस्ति, स्वस्ति श्रीवर्द्धमानः |

इति श्रीचतुर्विंशति तीर्थंकर-स्वस्ति मंगल विधानं पुष्पांजलिं क्षिपामि |


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