मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में में देश का सबसे बड़ा एक ऐसा जैन ग्रंथालय बनने जा रहा है, जिसमें जैन धर्म के उद्यम से लेकर अभी तक की तमाम साहित्यों की जानकारी उपलब्ध रहेगी। नगर के पुराने शहर इब्राहिमपुरा में लगभग 30 हजार वर्ग फीट में बनने वाला ग्रंथालय पूरी तरह हाईटेक होगा। 125 वर्ष पुराने कन्या विद्यालय के स्थान पर बनने पांच मंजिला ग्रंथालय भवन में पहली और दूसरी मंजिल पर स्कूल होगा। देश के सबसे बड़े ग्रंथालय में जैन धर्म के सभी तीर्थकरों के साथ अभी तक हुए मुनियों, आचायरे के बारे में भी विस्तार से जानकारी मौजूद रहेगी।
कन्या विद्यालय ट्रस्ट के मंत्री प्रमोद चौधरी के अनुसार पांच मंजिला के भवन में बेसमेंट में सर्वसुविधायुक्त पार्किग, पहली मंजिल पर हिंदी माध्यम स्कूल, दूसरी मंजिल पर अंग्रेजी माध्यम स्कूल, तीसरी मंजिल पर ग्रंथालय एवं कम्युनिटी हाल, चौथी मंजिल पर शादी या अन्य सामाजिक कार्यक्रमों के लिए रहेगी। पहली से तीसरी मंजिल में सराफा बाजार भी होगा, जिसमें ज्वैलरी की लगभग 50 दुकाने होंगी। बता दें कि आजादी के पहले नवाबी रियासत से ही जैन समाज कन्याओं को मुख्य शिक्षा देता आ रहा है और पुरानी बिल्डिंग में बने कमरों के किराये आदि से स्कूल के स्टाफ का खर्च वहन होता है।
इस स्थान को सेठ गोकुलदास ने समाज के लिए ट्रस्ट बनाकर दान में दिया था। यह पुरानी बिल्डिंग जीर्ण-शीर्ण होने के कारण इसे खाली करवा दिया गया है और वर्तमान में कन्या स्कूल एक किराये के भवन में संचालित हो रहा है। भवन का नक्शा तैयार हो चुका है आर निर्माण के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। लगभग 2 माह के अंदर निर्माण कार्य शुरू हो जाने की उम्मीद है। नया भवन बनने के बाद नगर के पुराने शहर में उक्त भवन वास्तुकला का अनूठा नमूना साबित होगी।