बालाघाट। संसार की असारता को जान युवावस्था में ही संयम मार्ग पर चलकर जैन दीक्षा ग्रहण करने वाले जगदलपुर निवासी मुमुक्षु लोकेश गोलछा के बालाघाट आगमन पर उनके वैराग्य तप को नमन करने श्री पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर ट्रस्ट और चातुर्मास समिति द्वारा अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित किया गया है। चातुर्मास समिति के अध्यक्ष महेन्द्र सुराना ने बताया कि मुमुक्षु लोकेश गोलछा का जन्म स्व. राणीदान एवं रामूबाई गोलछा के पोते और स्व. सांगीलाल एवं कुसुम गोलछा के सुपुत्र के रूप में 13 नवंबर 1989 में जगदलपुर में हुआ था। बचपन से ही जैन समाज के धार्मिक कार्यक्रमों में रूचि रखने वाले मुमुक्षु लोकेश गोलछा जैसे-जैसे युवा होते गये समाज के धार्मिक कार्यक्रमों और जैन साधुओं के प्रति उनकी रूचि गहरी होती गई और अंततः उन्होंने जैन दीक्षा हासिल कर साधु बनने का निर्णय लिया। जो आगामी 15 नवंबर को आचार्य भगवंत पूज्य श्री जिन पीयूषसागर सूरिश्वर जी म.सा. की पावन निश्रा में आत्मसाधना के पथ पर चलते हुए दीक्षा ग्रहण करेंगे।
उन्होंने बताया कि इससे पूर्व आज 29 सितंबर को आत्मसाधना के पथ पर चलते हुए जैन साधु बनने दीक्षा ग्रहण करने वाले मुमुक्षु लोकेश गोलछा का बालाघाट आगमन हो रहा है। जिनकी तपसाधना पर उनका अभिनंदन करने के लिए प.पू. जिनशिशु प्रज्ञा श्री जी म.सा. की पावन निश्रा में आयोजित किया गया है। जिसमें आज 29 सितंबर को मुमुक्षु लोकेश गोलछा का वरघोड़ा दादाबाड़ी से पार्श्वनाथ भवन तक निकाला जायेगा। जिसके बाद मुमुक्ष लोकेश गोलछा का सामाजिक अभिनंदन होगा। तदुपरांत पूज्या श्री प्रवचन देगी। उक्त कार्यक्रम में सभी सामाजिक बंधुओं से उपस्थिति की अपील श्री पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर ट्रस्ट और चातुर्मास समिति द्वारा की गई है।
- महेन्द्र सुराना