मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 30 किलोमीटर दूर भोजपुर का श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर शहर से दूर विध्यांचल पर्वत श्रृखला स्थित अति प्राचीन मंदिर है। यही वो स्थान है जहां भक्ताम्भर स्त्रोत के रचयिता मानतुंग आचार्य ने स्त्रोत की रचना की थी। इस प्राचीन मंदिर में नववर्ष के पहले दिन भगवान बाहुवली का पंचामृत से महामस्तकाभिषेक किया गया। यहां के जैन समाज के अनेकों लोगों ने इस कार्यक्रम में आकर दर्शन लाभ प्राप्त किया और सभी के सुख, समृद्धि और शांति की कामना की। कार्यक्रम के पश्चात जैन समाज के अंशु जैन द्वारा पधारे भक्तों के लिए अल्पाहार एवं अनीस जैन एवं अंकुर अग्रवाल द्वारा प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गयी थी। इसी मंदिर के नजदीक भगवान शिव का अति प्राचीन मंदिर भी है। यहां के दर्शन करने भी दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां की मान्यता है कि एक पत्थर द्वारा निर्मित शिवलिंग देश का सबसे बड़ा और ऊंचा शिवलिंग है।
Jain News
मेरे आचार्यश्री विद्यासागर, मेरे भगवान का आज 55 वां दीक्षा दिवस है
30 जून 1968 को अजमेर नगर में गुरुवर आचार्यश्री ज्ञानसागर जी महाराज ने 22 वर्ष के ब्रह्मचारी विद्याधर को दिगम्बरी दीक्षा देकर मुनि श्री...
मुनिश्री विशल्य सागर का कोडरमा में मंगल प्रवेश कल
झुमरी तिलैया। कोडरमा की पावन धरती पर झारखंड सरकार के राजकीय अतिथि, जैन संत मुनि श्री 108 विशल्य सागर जी मुनिराज का भव्य मंगल...
जैन मंदिर में दर्शन के बहाने आये एक जोड़े ने चोरी किये चांदी के...
बून्दी जिले के इंदरगढ़ कस्बे में कल दिनदहाड़े एक महिला पुरुष छोटे जैन मंदिर में जाकर वहां से 13 चांदी के छत्र चोरी कर...
आज आदमी विज्ञान को मानता है, वीतराग विज्ञान को नहीं मानता
जब तक जीव सत्य को नहीं जानता तब तक वह असत्य को ही सत्य मानता है। आज आदमी विज्ञान को तो मानता है लेकिन...
मुनिश्री विभंजन सागर जी का जैन मंदिर छोटा बाज़ार में मंगल आगमन
दिल्ली। शाहदरा के छोटा बाजार स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर जी में आज प्रात: 06.00 बजे आचार्यश्री विराग सागर जी महाराज के परम...