मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 30 किलोमीटर दूर भोजपुर का श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर शहर से दूर विध्यांचल पर्वत श्रृखला स्थित अति प्राचीन मंदिर है। यही वो स्थान है जहां भक्ताम्भर स्त्रोत के रचयिता मानतुंग आचार्य ने स्त्रोत की रचना की थी। इस प्राचीन मंदिर में नववर्ष के पहले दिन भगवान बाहुवली का पंचामृत से महामस्तकाभिषेक किया गया। यहां के जैन समाज के अनेकों लोगों ने इस कार्यक्रम में आकर दर्शन लाभ प्राप्त किया और सभी के सुख, समृद्धि और शांति की कामना की। कार्यक्रम के पश्चात जैन समाज के अंशु जैन द्वारा पधारे भक्तों के लिए अल्पाहार एवं अनीस जैन एवं अंकुर अग्रवाल द्वारा प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गयी थी। इसी मंदिर के नजदीक भगवान शिव का अति प्राचीन मंदिर भी है। यहां के दर्शन करने भी दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां की मान्यता है कि एक पत्थर द्वारा निर्मित शिवलिंग देश का सबसे बड़ा और ऊंचा शिवलिंग है।
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पत्रकार जन जन तक पहुंचाएं महावीर के संदेश – आचार्यश्री प्रज्ञ सागर जी महाराज
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