साधु स्वयं और गुरु शिष्य का कल्याण करता है : सुधा सागर


राजस्थान के किशनगढ  नगर में मुनि पुंगव श्री सुधा सागर जी ससंघ विराजमान हैं। गुरुपूर्णिमा के पावन दिवस किशन के सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से गुरुपूर्णिमा महोत्सव का भव्य आयोजन आर. के. कम्युनिटी सेंटर में किया गया। इस अवसर पर गौतम स्वामी, आचार्य शांति सागर जी महाराज, आचार्य ज्ञान सागर जी महाराज का अर्घ चढ़ाया गया। इसके बाद आचार्य विद्यासागर जी महाराज एवं मुनि पुगंव श्री सुधा सागर जी महाराज ससंघ का पूजन विभिन्न द्रव्यों द्वारा अर्घ चढ़ाया गया। पूजन-विधि में अर्घ चढ़ाने वालों में समाज की दोनों पंचायतों के साथ ही विभिन्न मंडलों, समाज एवं बाहर से आने वाले श्रद्धालु शामिल थे।

श्री आदिनाथ पंचायत के प्रचार मंत्री विकास छाबड़ा के अनुसार कार्यक्रम में चित्र अनावरण समाज के वरिष्ठ पं. मूलचंद लुहाड़िया द्वारा किया गया। दीप प्रज्ज्वलन राजस्थान सरकार के कृषि विपणन मंत्री प्रभुलाल सैनी, खान मंत्री सुरेंद्रपाल सिंह टीटी, विधायक भागीरथ चौधरी एवं शीला डोडिया, जयपुर द्वारा किया गया। मुनि पुगंव श्री सुधा सागर जी महाराज ने श्रद्धालुओं को गुरु पूर्णिमा के अर्थ समझाते हुए कहा कि साधु और गुरू में अंतर होता है। साधु स्वयं के लिए होता है और अपना कल्याण करता है जबकि गुरु शिष्यों के लिए समर्पित होता है और अपने शिष्यों का कल्याण करता है। गुरु वस्तु नहीं बल्किल दृष्टि होती है। जो व्यक्ति यह समझ लेता है, वह उसे गुरु मान लेता है।

इस अवसर पर आर.के. मार्बल परिवार के कंवरलाल पाटनी, महावीर प्रसाद पाटनी, अशोक पाटनी, सुरेश पाटनी, शांता पाटनी, सुशीला पाटनी एवं निहाल चंद्र पहाड़िया, आदिनाथ पंचायत के अध्यक्ष प्रकाश गंगवाल, मंत्री कैला पहाड़िया, मुनिसुब्रत पंचायत के उपाध्यक्ष पन्नालाल बडजात्याल, मंत्री राजेंद्र बैद, महावीर गंगवाल, संपत दगड़ा. राकेश पहाड़िया, नौरत पाटनी, भागचंद्र बोहरा, माणकचंद गंगवाल, एम.के. जैन, निरंजन बैद, शांतिकुमार गोधा, विनोद चोधरी, महेन्द्र गंगवाल, पारसमल बाकलीवाल, विजय काला, सुशील अजमेरा, कमल बैद, विकास छाबड़ा, माणक गंगवाल, मुकेश पाण्ड.या सहित भारी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।  इस अवसर पर देशभर से श्रदालुओं ने मुनिश्री के दशर्नलाभ लिया। मंच संचालन समाज के प्राणोश बज ने किया।


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