खून की कमी के लक्षण, कारण और उनकों दूर करने के आयुव्रेदिक घरेलू नुस्खे

blood cells home remedy
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आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में ज्यादातर लोगों को अनायास थकान होना, कमजोरी रहना, त्वचा पीली हो जाना, हाथ-पैरों में सूजन आ जाना आदि ऐसे कुछ लक्षण हैं, जो शरीर में खून की कमी ओर इशारा करते हैं। इसे मेडिकल भाषा में एनीमिया कहते हैं। यह समस्या पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। जिन लोगों के खून में हीमोग्लोबिन कम है, वे इस समस्या से ज्यादा ग्रसित होते हैं। ऐसे लोगों में लौह तत्व, विटामिन बी, फोलिक एसिड की कमी हो जाती है और कभी-कभी आनुवांशिकता से भी ये समस्या हो सकती है। जो लोग इस समस्या से पीड़ित हैं, उन्हें खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। आपको कुछ ऐसे घरेलू आयुव्रेदिक नुस्खे बताते हैं कि किन वस्तुओं को खाने से कोई नुकसान भी नहीं है और समस्या से निदान भी पाया जा सकता है।

* दो चम्मच तिल दो घंटे पानी में भिगोकर छान लें और पीसकर पेस्ट बना लें। इसमें एक चम्मच शहर मिलाएं और कम से कम दिन में दो बार खाने से आराम मिलता है।

* पके आम का गूदा को मीठे दूध के साथ लेने पर भी खून की कमी दूर हो जाती है।

* चाय, काफी कम से कम पियें।

* अनंतमूल, दालचीनी और सौफ की समान मात्रा लें और इसे पानी में उबालकर स्वादानुसार चीनी डालकर काड़ा बनाकर दिन एक बार पियें।

* सितोपलादि चूर्ण 50 ग्राम, आमल की रसायन 50 ग्राम, अगंधा 50 ग्राम, शतावर चूर्ण 10 ग्राम, सिद्धमकर ध्वज 5 ग्राम, लौह भस्म 100 पुटी 10 ग्राम, अष्टवर्ग चूर्ण 25 ग्राम, शहद 300 ग्राम। इस मिशण्रकी 5 से 10 ग्राम मात्रा सुबह-शाम चाटकर मीठा दूध के साथ लें।

* सेव का जूस लें और उसमें उसी मात्रा में चुकंदर का रस मिलाएं तत्पश्चात स्वाद के अनुसार शहर मिलाएं। इस जूस को प्रतिदिन कम से कम एक बार पीने से खून की कमी दूर होती है।

* खून की मात्रा बढ़ाने वाले आहार जैसे गेंहू, चना, मोठ, अंकुरित मूंग नीबू के साथ मिलाकर नाश्ते में प्रयोग करें।

* शरपुंखा की पत्तियों और फलियों का लगभग 20 मिली. रस लें और 2 चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से खून साफ होता है और खून की मात्रा में भी वृद्धि होती है।

* प्रात:काल सूरज की रोशनी में कुछ देर अवश्य बैठें।

* भुटठे एनीमिया रोगियों के लिए ज्यादा पौष्टिक और असरदार होते हैं। इन्हें सेंककर या उबालकर खाने से खून बढ़ता है।

* हरी सब्जियों में पालस, सरसों, बथुआ, मटर, मैथी, हरा धनिया, पुदीना और टमाटर को भोजन में जरूर शामिल करें।

 * जामुन और आंवले का समान मात्रा में रस को पीने से हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है।

* दिन में कम से कम एक गिलास टमाटर का जूस या सूप जो भी उपलब्ध हो पीने से हीमोग्लोबिन में बढ़ोत्तरी होती है।

– पपीता, अंगूर, अमरूद, केला, सेब, चीकू और नींबू का सेवन करें।

-अनाज, दालें, मुनक्का, किशमिश और गाजर का सेवन करें। साथ ही, रात में सोने से पहले पिंड खजूर दूध के साथ लें।

* रात में मुनक्का को भिगोकर सुबह चबाकर उस पानी के साथ लें। कुछ ही दिनों में हीमोग्लोबिन सामान्य हो जाएगा।

* दिन में एक बार अनार का जूस अवश्य लें हो सके तो उसमें कुछ मात्रा चुकंदर भी शामिल कर लें। इसके काफी जल्द खून में वृद्धि होना शुरू हो जाएगा।

* प्रतिदिन नियमित रूप से एलोवेरा का जूस जरूर लेने का प्रयास करें। नाश्ते से आधा घंटा पहले 30 मिली. जूस लें।

* लौकी में आयरन की मात्रा अधिक होती है। अत: लोकी का जूस या उसकी सब्जी का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें।

* योग में एमीमिया के रोगी के लिए सूर्यनमस्कार, सर्वागआसन, शवासन और पश्चिमोत्तानासन करने से शरीर में खून का प्रवाह बढ़ता है। इसके अलावा गहरी सांस लेना और पण्रायाम करना लाभदायक है।


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