पद्मावती माता की आरती – Padmavati Mata Ki Aarti


पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियां।। टेक०।।

पार्श्वनाथ महाराज विराजे मस्तक ऊपर थारे,
माता मस्तक ऊपर थारे।
इन्द्र, फणेन्द्र, नरेन्द्र सभी मिल, खड़े रहें नित द्वारे।
हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियां।। दो बार।।
जो जीव थारो शरणो लीनो, सब संकट हर लीनो,
माता सब संकट हर लीनो।
पुत्र, पौत्र, धन, धान्य, सम्पदा, मंगलमय कर दीनो।
हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियां।। दो बार।।
डाकिनि, शाकिनि, भूत, भवानी, नाम लेत भग जायें,
माता नाम लेत भग जायें।
वात, पित्त, कफ, कुष्ट मिटे अरू तन सुखमय हो जावे।
हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियां।। दो बार।।
दीप, धूप, अरु पुष्प आरती, ले आरति को आयो,
माता ले दर्शन को आयो।
दर्शन करके मात तिहारो, मनवांछित फल पायो।
हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियां ।। दो बार।।
जब भक्तों पर पीर पड़ी है रक्षा तुमने कीनी,
माता रक्षा तुमने कीनी।
वैरियों का अभिमान चूरकर इज्जत दूनी दीनी।
हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियां।।
हे पद्मावती माता, आरति की बलिहारियां।।


Comments

comments

अपने क्षेत्र में हो रही जैन धर्म की विभिन्न गतिविधियों सहित जैन धर्म के किसी भी कार्यक्रम, महोत्सव आदि का विस्तृत समाचार/सूचना हमें भेज सकते हैं ताकि आप द्वारा भेजी सूचना दुनिया भर में फैले जैन समुदाय के लोगों तक पहुंच सके। इसके अलावा जैन धर्म से संबंधित कोई लेख/कहानी/ कोई अदभुत जानकारी या जैन मंदिरों का विवरण एवं फोटो, किसी भी धार्मिक कार्यक्रम की video ( पूजा,सामूहिक आरती,पंचकल्याणक,मंदिर प्रतिष्ठा, गुरु वंदना,गुरु भक्ति,गुरु प्रवचन ) बना कर भी हमें भेज सकते हैं। आप द्वारा भेजी कोई भी अह्म जानकारी को हम आपके नाम सहित www.jain24.com पर प्रकाशित करेंगे।
Email – jain24online@gmail.com,
Whatsapp – 07042084535