उदयपुर के आदिनाथ भवन में विद्वत गोष्ठी सम्पन्न


उदयपुर के सेक्टर-11 स्थित आदिनाथ भवन में दो दिवसीय विद्धत गोष्ठी कार्यक्रम आचार्य श्री विमद सागर जी महाराज के पावन सानिध्य और उनके दिशा-निर्देशन में दिनांक 28 सितम्बर को सम्पन्न हुआ। विद्धत गोष्ठी में देश से 5 से ज्यादा विद्धजनों ने आकर अपने विचार व्यक्त किये। गोष्ठी के संयोजक राजेश जैन ने बताया कि गोष्ठी के दूसरे दिन प्रात:कालीन सत्र में डा. योगेश कुमार, डा. सत्यनारायण भारद्वाज, डा. शीतलचंद्र जैन, डा. उदय चंद्र जैन, डा. जिनेंद्र कुमार जैन, डा. मधु जैन, डा. ेता जैन ने सोलह कारण भावनाओं पर अपने विचार ब्यक्त किये। समापन सत्र के मुख्य अतिथि डा. नारायणलाल कच्छारा, डा. पारसमल अग्रवाल थे तथा गोष्ठी की अध्यक्षता डा. सनत कुमार जैन द्वारा की गई।

आचार्य विमदसागर जी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जिसके मन में धर्म का भाव नहीं होता, या गुरु के प्रति श्रद्धा भाव नहीं होता, वह मन इस बंजर भूमि के समान होता है क्योंकि बंजर भूमि भूमि तो होती है किंतु उस पर कोई पैदावार नहीं होती। उन्होंने कहा कि उत्तर भूमि में उत्तम बोया गया बीच ही उत्तम फसल और फल देता है। इसीलिए जिसकी धर्म और गुरु के प्रति आस्था होती है, वह उपजाऊ भूमि के समान है। संयोजक राजेश जैन ने बताया कि कुल 36 आलेखों का वाचन 5 सत्रों में आचार्य श्री विमदसागर जी एवं उपाध्याय अनुभव सागर जी ससंघ के पावन सानिध्य में वष्रायोग समिति के महामंत्री प्रमोद चौधरी एवं ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद कोठारी द्वारा गोष्ठी में पधारे समस्त विद्धतजनों का सम्मान किया गया।


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