Home Jain News पूज्य Acharya Vidyasagar जी के ससंघ चतुर्मास कलश की स्थापना आज, देश-विदेश से आएंगे श्रद्धालु

पूज्य Acharya Vidyasagar जी के ससंघ चतुर्मास कलश की स्थापना आज, देश-विदेश से आएंगे श्रद्धालु

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खजुराहो । प्रख्यात जैन संत शिरोमणि108 आचार्य विद्या सागर जी महाराज के ससंघ चातुर्मास( वर्षायोग) के कलश की स्थापना आज रविवार 29 जुलाई को दोपहर डेढ़ बजे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नगरी खजुराहों में एक गरिमामयी औऱ भव्य कार्यक्रम में होगी।इस बड़े और अनूठे धार्मिक आयोजन के प्रत्यक्षदर्शी बनने न केवल समीपी क्षेत्रों से वरन देश-विदेश से आचार्यश्री के भक्तजन व श्रद्धालु खजुराहो पहुंचना शुरू हो गए है।

युवा समाज सेवी अजित जैन ने बताया कि पूज्य आचार्य विद्या सागर महाराज ससंघ खजुराहो में 14 जुलाई से विराजमान है।
पूज्य आचार्यश्री ने बुधवार को ससंघ अपनी चातुर्मास स्थापना शांति नाथ भगवान के समक्ष विधि विधान के साथ कर ली थी।इस दिन संघ के सभी साधुओं ने उपवास भी रखा था। अब आचार्यश्री ससंघ एक निश्चित सीमा बांधकर अब 4 माह तक खजुराहो में रहकर धर्म ध्यान करेगे।

आज रविवार 29 जुलाई को दोपहर 1:30 से तीन प्रकार के कलशों के माध्यम से समाज के श्रावकगण चातुर्मास की कलश स्थापना हर्सोल्लास के साथ करेंगे। प्रथम कलश यानि सबसे बड़े 9 कलश स्थापित किये जाएंगे ,मध्यम 27 कलश और सबसे छोटे 54 कलश स्थापित किये जायेंगे। ये सभी कलश आचार्य श्री के मुखारविंद से विधिविधान पूर्वक मंत्रो के उच्चारण से स्थापित होंगे,जिसे श्रावकगण बोली लेकर स्थापित करेगे। ये सभी कलश विश्व शांति और विश्व कल्याण के उद्देश्य और वर्षायोग के निर्विघ्न सम्पन्न होने की कामना से स्थापित किये जाते है। इस बार के चातुर्मास की ख्याति विश्व स्तर पर होगी और अतिशय क्षेत्र खजुराहो के जिनालयों के दर्शन करने के लिए देश विदेश के आएंगे। खजुराहो क्षेत्र में आचार्यश्री के चातुर्मास से जैन धर्म और दर्शन की प्रभावना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है।

साधुजन इस लिए करते हैं चातुर्मास-

डॉ. सुमति प्रकाश जैन ने चातुर्मास की अवधारणा और उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए बताया कि जैन धर्म अहिंसा प्रधान धर्म है।वर्षाकाल में लाखों जीवों की उत्पत्ति होती है और वे बहुतायत से चहुंओर व्याप्त रहते हैं।ऐसे में पदबिहारी साधुजनों से किसी सूक्ष्म से सूक्ष्म जीव की हिंसा न हो,इस लिए जैन साधु वर्षाकाल के चार महीनों में अपनी पदयात्रा को रोक कर किसी एक स्थान पर रुक कर अपने आत्मकल्याण हेतु स्वाध्याय,धार्मिक-आध्यात्मिक ग्रंथो, जैन धर्म व दर्शन का अध्ययन-मनन करते हैं और श्रावकों को अपने मंगल प्रवचनों से सदमार्ग पर निरन्तर चलने की प्रेरणा देते हैं।डॉ जैन ने बताया कि जैन धर्म के साथ साथ हिन्दू धर्म मे भी साधुओं के चातुर्मास की परंपरा है।वे भी वर्षाऋतु में एक जगह रह कर अपना चातुर्मास व्यतीत करते हुए धर्मध्यान में लीन रहते है।

कलश स्थापना के इस कार्यक्रम का संचालन और निर्देशन ब्र. सुनील भैया ,अनन्तपुर करेंगे ।आयोजन को सानन्द ओर निर्विघ्न सम्पन्न करने के लिए विभिन्न समितियां बना कर उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है।खजुराहो कमेटी के अध्यक्ष श्री विनोद जैन सहित सभी पदाधिकारियों, जैन समाज छतरपुर के अध्यक्ष श्री जय कुमार जैन एवं महामंत्री श्री स्वदेश जैन ने क्षेत्र के सभी श्रद्धालुओं से इस भव्य ओर ऐतिहासिक आयोजन में पधार कर धर्मलाभ लेने की अपील की है।

अतुल जैन


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