Home Jain News आदिनाथ भगवान की सबसे बड़ी प्रतिमा पर छत्र चढ़ाया

आदिनाथ भगवान की सबसे बड़ी प्रतिमा पर छत्र चढ़ाया

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आदिनाथ भगवान की सबसे बड़ी प्रतिमा पर छत्र चढ़ाया

इंदौर। संविद नगर कनाडिया रोड पर निर्मित दिगंबर जैन आदिनाथ जिनालय नया जैन मंदिर में आज प्रातः मुनि श्री आदित्य सागर जी, मुनि श्री अप्रमित सागर जी, मुनि श्री सहज सागर जी के सानिध्य में जिनालय में विराजमान मूलनायक आदिनाथ भगवान की साढ़े 8 फुट की पद्मासन प्रतिमा के मस्तक पर ₹900000 की लागत से निर्मित साढ़े 11 किलो चांदी के तीन छत्र विधि विधान के साथ चढ़ाये गये। छत्र चढ़ाने का सौभाग्य श्री आलोक सिंघई , श्री गौतम हितेश जैन चक्की वाले एवं श्री सत्येंद्र जैन एडवोकेट ने प्राप्त किया।

इस अवसर पर मुनिश्री आदित्य सागर जी महाराज ने धर्म सभा में कहा कि सुखी होना चाहते हो तो जीवन का लक्ष्य बनाकर जिओ और देव शास्त्र गुरु की पूजा भक्ति करो , यदि ऐसा नहीं कर सकते तो करने वालों की भक्ति देखकर खुशी महसूस करो। मुनि श्री ने छत्र समर्पण करने वाले पुनयार्जकों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि छत्र चढ़ाते हुए यह भावना भाऐं कि हे भगवान मैं आपके मस्तक पर छत्र चढ़ा रहा हूं आपकी छत्र छाया मुझ पर एवं मेरे परिवार पर सदा रहे। धर्म सभा का संचालन पंडित भरत शास्त्री ने किया।

मुनि संघ एवं आर्यिका संघ का मंगल मिलन हुआ
आज शाम कंचन बाग से तिलक नगर आने पर आचार्य विद्यासागर जी महाराज की शिष्या पूर्णमति माताजी ससंघ
का जिनालय में विराजमान आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री आदित्य सागर जी महाराज ससंघ का मंगल मिलन हुआ। माताजी ने सभी मुनियों को नमोस्तु करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया। पश्चात माताजी एवं मुनिश्री एवं पंडित रतनलाल जी शास्त्री के सानिध्य में 25 मिनट तकआध्यात्मिक चर्चा की ।

इस अवसर पर काफी संख्या में ब्रह्मचारी बहने, एवं श्री आजादजी जैन अशोक खासगीवाला, धर्मेंद्र सिनकाम, पवन मोदी, एल सी जैन, डॉक्टर जैनेंद्र जैन, अरविंद सर, राजेश जैन दद्दू मुकेश बाकलीवाल आदि समाज श्रेष्ठि उपस्थित थे। मिलन के पश्चात मुनिसंघ तिलक नगर से बिहार कर शोभा यात्रा के रूप में कंचन बाग स्थित समोसरण मंदिर पहुंचा जहां मुनि श्री का चातुर्मास होगा। कल से प्रतिदिन प्रातःमुनि श्री के प्रवचन समोसरण मंदिर में होंगे एवं माताजी के प्रवचन तिलक नगर में होंगे।

— राजेश जैन दद्दू


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