देशभर से आई हजारों की जनभेदनी ने मोक्षमाला के अद्भुत दृश्य को अपनी आंखों से निहारा।


बाड़मेर, 6 नवम्बर। 51 दिवसीय उपधान तप की महा आराधना की पूर्णाहुति को लेकर श्री सुखसागर उपधान तप समिति द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय मोक्षमालारोहण महोत्सव के अंतर्गत तीसरे दिन उपधान तप आराधकों को मोक्षमालारोहण का मुख्य समारोह का आयोजन किया गया।
श्री सुखसागर उपधान तप समिति के संयोजक सम्पतराज बोथरा व मीडिया प्रभारी चंद्रप्रकाश छाजेड़ ने बताया कि मोक्षमालारोहण महोत्सव के अंतर्गत जैनाचार्य जिनपीयूष सागर सूरीश्वर महाराज, मुनिराज कमलप्रभ सागर महाराज व साध्वी प्रगुणाश्री आदि ठाणा की पावन निश्रा व सान्निध्य एवं शासन रत्न अंतरराष्ट्रीय विधिकारक मनोजकुमार हरण के मार्गदर्शन में आयोजित मोक्षमालारोहण कार्यक्रम सोमवार को प्रातः 8 बजे गडरा रोड़ स्थित श्री कुशल-आनन्द उपधान तपोवन में प्रारंभ हुआ। सर्वप्रथम आचार्य भगवंत द्वारा आराधकों को मोक्षमालारोहण की क्रिया सम्पन्न करवाई। ततपश्चात एक के बाद एक 68 आराधकों को मोक्षमाला पहनाकर व अभिनंदन पत्र देकर उपधान के आराधकों का बहुमान किया गया। जब आराधकों को उनके परिवारजन कंधे पर बिठाकर गाजेबाजे के साथ स्टेज पर ला रहे थे तथा उसके बाद आराधक परमात्मा के समवसरण के समक्ष तीन प्रदक्षिणा देकर आचार्य भगवंत के वासक्षेप ग्रहण कर मोक्षमाला पहनकर रहे थे वो दृश्य अलौकिक था। कार्यक्रम में बाड़मेर शहर विधायक मेवाराम जैन ने आतिथ्य प्रदान किया। कार्यक्रम में रायपुर के अंकित लोढ़ा ने तपस्वी ने वन्दन- तपस्वी ने वन्दन, नेम-राजुल पन्थे विचरसूं संगे, विरतिधरनो वेश प्यारो लागे, उपधानो रो अवसर आयो गावे श्रीसंघ मंगलाचार आदि भजनों के माध्यम से मधुर स्वरलहरियां बिखरे कर श्रद्धालुओं को झूमने पर विवश कर दिया।

मुमुक्षु लोकेश गोलछा ने संबोधित करते हुए कहा कि पापमय भ्रांतियों से दिव्यतम रूपांतरण के भावों का नाम है, संयम। ऐसे दुर्लभ मनुष्य भव में जिसकी व्याख्या करते केवली भगवंत ये कहते है कि स्वयम्भूरमण समुद्र में एक पक्षी के चोंच जितना पानी हमने निकाला है शेष बाकी है इतने भावों का वर्णन कर पाए हैं। आत्मा से परमात्मा बनने की अद्भुत यात्रा का नाम संयम है। मुमुक्षु लोकेश गोलछा ने सकल संघ को दीक्षा प्रसंग पर 15 नवम्बर को लब्धिनिधान तीर्थ चौहटन प्रदान कर आशीर्वाद प्रदान करने की विनंती की।

नाकोड़ा ट्रस्ट मण्डल ने की प्रतिष्ठा महोत्सव में निश्रा प्रदान करने की विनंती :- श्री जैन श्वेतांबर नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ मेवानगर के अध्यक्ष एडवोकेट अमृतलाल छाजेड़ व उनके ट्रस्ट मण्डल ने आचार्य भगवंत से आगामी 7 फरवरी को आयोजित होने जा रही ऐतिहासिक अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव में निश्रा प्रदान करने की आग्रहभरी विनंती की। ट्रस्ट अध्यक्ष ने जानकारी दी कि प्रतिष्ठा महोत्सव में जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक सम्प्रदाय के लगभग 36 आचार्य व सैकड़ों साधु-साध्वी भगवन्तों उपस्थित होंगे।

उपधान तप समिति के सह संयोजक पारसमल धारीवाल ने बताया कि 51 दिवसीय उपधान तप की आराधना को सानन्द व निर्विध्न रूप से सम्पन्न करवाने में जिनका भी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सहयोग प्राप्त हुआ उन सभी संस्थाओं, मंडलों, व महानुभावों का आभार ज्ञापित किया गया।

51 दिवसीय उपधान तप की आराधना करने वाले आराधकों को मोक्षमाला पहनाकर अभिनंदन किया गया तथा इसकी के साथ कि 51 दिवसीय उपधान तप आराधना का समापन हुआ एवं कार्यक्रम के पश्चात् सकल संघ का साधर्मिक वात्सल्य का आयोजन किया गया। स्वामी वात्सल्य में शहर के विभिन्न मंडलों ने व साथ कि शांतिनाथ जैन मण्डल पाली ने अपनी सेवाएं प्रदान की।इस कार्यक्रम देशभर विभिन्न संघों के अग्रणीय संघ प्रमुख शिरकत की।

आचार्य भगवंत का विहार मंगलवार को दोपहर को– खरतरगच्छ चातुर्मास समिति के अध्यक्ष गौतमचंद डूंगरवाल ने बताया कि जैनाचार्य जिनपीयूषसागर सूरीश्वर महाराज का बाड़मेर नगर ऐतिहासिक चातुर्मास संपन्न होने के बाद मंगलवार को दोपहर 3.30 बजे आराधना भवन से चौहटन नगर की ओर विहार करेंगे।

 

  • चन्द्रप्रकाश बी. छाजेड़

 


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