तीर्थंकरों का जन्म दिवस जयंती नहीं जन्म कल्याणक के रूप में मनाऐं।


भगवान महावीर सहित हमारे सभी तीर्थंकरों का जन्म साधारण शिशु के रूप में नहीं अपितु तीर्थंकर बालक के रूप में हुआ है। तीर्थंकर बालक के जन्म पूर्व माता को गर्भावस्था में16 स्वप्नों का दिखाई देना, रत्नों की वृष्टि होना और जन्म होने पर सौधर्म इंद्र का सिंघांसन कमपायमान होना यह आगम प्रमाण है कि तीर्थंकर प्रकृति के बालक के जन्म के समय ही ऐसी अलौकिक घटनाएं घटित होती हैं सामान्य बालक के जन्म के समय नहीं।

गांधी ,नेहरू, बोस, पटेल डॉक्टर अंबेडकर, महाराणा प्रताप और शिवाजी आदि जिन महापुरुषों की आज जन्म जयंती मनाई जाती है उन सब का जन्म भी साधारण बालक के रूप में ही हुआ, लेकिन वह अपने कृतित्व व पुरुषार्थ से महान हुए और अंत समय मृत्यु को प्राप्त हुए इसलिए इन के जन्म दिवस को जन्म जयंती के रूप में मनाया जाता है लेकिन वर्तमान शासन नायक तीर्थंकर महावीर सहित हमारे सभी 24 तीर्थंकरों का जन्म साधारण बालक के रूप में नहीं अपितु तीर्थंकर बालक के रूप में हुआ है और उनका मरण भी साधारण नहीं होकर उनका निर्वाण हुआ अर्थात जन्म मरण से छुटकारा प्राप्त करके उन्होंने मोक्ष लक्ष्मी की प्राप्ति की।

इसलिए हम सभी जैन धर्मावलंबी जन्म जयंती और जन्म कल्याणक दिवस के फर्क को समझें और आज महावीर जन्म कल्याणक दिवस पर यह संकल्प लें कि हम हमेशा भगवान महावीर सहित सभी 24 तीर्थंकरों के जन्मदिवस को साधारण पुरुषों की तरह जयंती के रूप में नहीं अपितु जन्म कल्याणक दिवस के रूप में मनाएंगे, प्रचारित करेंगे और जैन धर्म एवं तीर्थंकरों का गुणगान करेंगे।

— राजेश जैन दद्दू


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