सवाल:-साधु और मुनिश्री मोर पंख ही क्यो लिए रहते है ?


जबाब :- मोर ही अकेला एक ऐसा प्राणी है जो ब्रह्मचर्य को धारण करता है ।

जब मोर प्रसन्न होता है तो वह अपने पंखो को फैला कर नाचता है और जब नाचते-नाचते मस्त हो जाता है

तो उसकी आँखों से आँसू गिरते है ।

और मोरनी इन आँसू को पीती है और इससे ही वह गर्भ धारण करती है ।

मोर में कही भी वासना का लेश भी नही है और जिसके जीवन में वासना नहीं ,

भगवान उसे अपने शीश पर धारण कर लेते है…॥

जिनको नहीं पता है कि मंदिर  में मोर के पंखों की बनी पिच्छी क्यों होती है , उन्हें इस मेसेज को जरुर पढ़ाएं और अपने परिवार , दोस्तों को भी पढ़ने को दें ।।


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