खेत जुताई के दौरान 780 वर्ष पुरानी जैन तीर्थकर चंदाप्रभु की पद्मासन प्रतिमा निकली


मध्य प्रदेश के बडवानी नगर के पोखिलया गांव स्थित एक खेत से एक अति प्रचीन भगवान चंदाप्रभु की पदमासन प्रतिमा प्राप्त हुई। जानकारी के अनुसार सिलावद के नजदीक पोखिलया गांव में सेवासिंह, पिता फूलसिंह बरेला शनिवार को खेत में जुताई कर रहे थे। उसी दौरान उनका हल जमीन में फंस गया। जब उन्होंने खुदाई कर देखा तो उन्हें मूर्ति जैसा कुछ दिखा। उन्होंने परिवार के अन्य लोगों की मदद से धीरे-धीरे मिटयी की खुदाई कर प्रतिमा को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। प्रतिमा को बाहर निकालने के बाद लोगों ने प्रतिमा को देखा। प्रतिमा पर चांद का निशान बना है और मूर्ति संवत 1294 की निर्मित है।

 

इसके बाद अन्य लोगों द्वारा बताया गया कि यह प्रतिमा जैन धर्म के 8वें तीर्थकर भगवान चंदाप्रभु की है, जो लगभग 780 वर्ष पुरानी है। उत्साह जनक बात यह रही कि उक्त प्रतिमा कहीं से खंडित नहीं हुई है। उक्त किसान के परिवारीजनों ने पूरे सम्मान के साथ एक पत्थर पर उक्त मूर्ति को विराजमान कर दिया। फिलहाल जैन समाज के किसी भी व्यक्ति ने उनके सम्पर्क नहीं किया है। ज्ञातव्य हो कि इसी के नजदीक प्रसिद्ध जैन तीर्थक्षेत्र बावनगजा स्थित है। संभावना है कि आसपास के इलाके में और भी जैन प्रतिमाएं हो सकती हैं और किसान के परिवारीजन सतर्क होकर खेत की जुताई कर रहे हैं।


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