जैन दर्शन से हो सकता है सभी समस्याओं का सहज सबाधान : राज्यपाल


अहमदाबाद, आचार्य महाश्रमण के 55वें जन्म महोत्सव पर शाहीबाच स्थित सरदार पटेल स्मारक भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राज्य के राज्यपाल ओ.पी. कोहली ने कहा कि जैन धर्म दर्शन में जीवन की प्रत्येक समस्या का समाधान है और आचार्य महाश्रमण इस दिशा में लगातार प्रयासरत हैं। कार्यक्रम का आयोजन महाश्रमण के शिष्ट राकेश कुमार के सानिध्य में किया गया, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल रहे। कोहली ने कहा कि दुनिया के समक्ष मुख्य पांच समस्याएं हैं, जिनमें हिंसा, अति भौतिकवाद, जलवायु परिवर्तन, वैचारिक हटवादिता और नैतिकता का संकट शामिल है। इसके लिए जैन दर्शन में अपरिग्रह, अनेकांतवाद और अहिंसा ऐसे सूत्र हैं, जिससे इन सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है। उन्होंने कहा कि आचार्य पूरे देश में पदयात्रा कर समाज में भाई-चारे का संदेश दे रहे हैं। बतौर विशेष अतिथि उपस्थित पदमश्री डा. कुमार पाल देसाई ने कहा कि आचार्य महाश्रमण के निर्देशन में तेरापंथ समाज बौद्धिक रूप से अति सम्पन्न हुआ है। जैनों का महामंत्र अहिंसा है और महात्मा गांधी ने भीभ देश को अहिंसा का संदेश दिया था। डा. हिमांशु पटेल ने कहा कि यद्यपि उनकी आचार्य महाश्रमण से मुलाकात नहीं हुई है किंतु उनसे मैं बहुत प्रभावित हूं। इस दौरान समाज के राजकुमार पुगलिया ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि अहमदाबाद का जैन समाज चाहता है कि आचार्य महाश्रमण आगाभी 2021 या 2022 का चातुर्मास यहां करें और इसके लिए समाज का प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल ओ.पी. कोहली के नेतृत्व में आचार्य महाश्रमण से मिलकर अनुरोध करना चाहता है। समाज के इस अनुरोध को राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया है। कार्यक्रम में मुनि राकेश कुमार, मुनि सुधाकर और मुनि दीप कुमार ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में संस्था के पदाधिकारियों के अलावा तेरापंथ महिला मंडल की पदाधिकारी और काफी बड़ी संख्या में श्रामव-श्राविकाएं मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन राजेंद्र बोथरा ने किया।


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