पावागिरि तीर्थ में पंचकल्याणक महोत्सव, पहाड़ी पर सवा ग्यारह फीट की 5 प्रतिमाएं स्थापित


आचार्य वर्धमानसागरजी महाराज ससंघ का पावागिरीजी ऊन में 2 दिसंबर को सुबह 8.30 बजे मंगल प्रवेश होगा। मुनिसंघ के सान्निध्य में 4 से 9 दिसंबर तक यहां पंचकल्याणक महोत्सव चलेगा। क्षेत्र में महोत्सव को लेकर विशेष उत्साह है।

आचार्य वर्धमानसागरजी ससंघ का शुक्रवार सुबह 8.30 बजे मंगल प्रवेश बैंडबाजों के साथ जुलूस के साथ होगा। समाज की महिलाएं सिर पर कलश लेकर आगे-आगे चलेंगी। समाज के महिला-पुरुष इसमें शामिल होंगे। पंचकल्याणक की सवा ग्यारह फीट की 5 प्रतिमाएं पंचपहाड़ी पर स्थापित की गई है। बुधवार को स्वर्णभद्र, नीलभद्र, मणिभद्र, गुणभद्र एवं महावीर स्वामी की प्रतिमाओं को क्रेन की मदद से विधि विधान से स्थापित किया। नवीन पांच प्रतिमाओं के अलावा शांतिनाथ, कुंथुनाथ, अरहनाथ की प्राचीन प्रतिमाओं का वज्रलेप पूरा हो गया है। इनका भी पंचकल्याणक होगा।

कार्यक्रम के लिए विशाल पंडाल पंचपहाड़ी के पास बनाया गया है। मंदिर क्षेत्र की पूरी पहाड़ी पर आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है। महोत्सव के सौधर्म इंद्र शरद कंठाली इंदौर, ईशान इंद्र रमेशचंद्र जैन लोनारा, महेंद्र इंद्र संजय जैन बड़ूद होंगे। भगवान के माता-पिता बनने का सौभाग्य गुलाबराव राजकुमारी मंडलोई महेश्वर ने प्राप्त किया। प्रचारमंत्री आशीष जैन ने बताया महोत्सव अध्यक्ष विनोद दोशी बाकानेर ने बताया प्रतिष्ठाचार्य धर्मचंद शास्त्री दिल्ली के निर्देशन में 4 दिसंबर को सुबह घटयात्रा में महिलाएं कलश लेकर शामिल होंगी। पहाड़ी पर मंदिर के पास बने 80 बाय 160 फीट के पंडाल में ध्वजारोहण के बाद कार्यक्रम शुरू होंगे।

दिगंबर सिद्धक्षेत्र पावागिरि तीर्थ में आचार्य वर्धमानसागरजी के सान्निध्य में रविवार से पंचकल्याणक महोत्सव होगा। यहां पंचपहाड़ी पर सवा 11 फीट की स्वर्णभद्रजी, नीलभद्रजी, मणिभद्रजी, गुणभद्रजी व महावीर स्वामी की जयपुर से बुलवाई 5 प्रतिमाएं क्रेन की मदद से विराजित की गई हैं। मुनिश्री 1 को खरगोन होकर 2 दिसंबर को ऊन पहुंचेंगे। 4 से 9 दिसंबर तक पंच कल्याण महोत्सव चलेगा।

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