मुनिश्री प्रमाण सागर के सानिध्य में भोपाल में पहली बार होगा संस्कृत में सिद्धचक्र विधान – विशाल आयोजन की तैयारी


भोपाल। मप्र की राजधानी भोपाल में पहली बार आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के प्रभावक शिष्य मुनिश्री प्रमाण सागरजी महाराज के सानिध्य में 18 से 26 जनवरी 2020 तक संस्कृत में सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में लगभग 5 हजार लोग लगातार 9 दिन तक सिद्धों की आराधना कर विश्वशांति की मनोकामना करेंगे। इस आयोजन के लिए श्यामला हिल्स स्थित पॉलटेक्निक छात्रावास के विशाल प्रांगण में रविवार से तैयारियां शुरू हो जाएंगी।

आयोजन समिति के सूत्रधार रवीन्द्र जैन पत्रकार ने बताया कि इस आयोजन में अभी तक भोपाल के लोगों को ही शामिल करने की अनुमति मिली है, लेकिन पूरे देश से लोग इसमें शामिल होने के लिए लगातार संपर्क कर रहे हैं। मुनि प्रमाण सागर, मुनि प्रसाद सागर, मुनि अरह सागर, मुनि शैल सागर और मुनि निकलंक सागर जी महाराज इस आयोजन में पूरे समय उपस्थित रहेंगे। इस आयोजन के लिए प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी अभय भैया को आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज का आशीर्वाद लेने इंदौर भेजा गया है। आयोजन के लिए लगभग 2 एकड़ भूमि में विशाल पांडाल तैयार किया जा रहा है। इस पांडाल में 2 बड़े और 84 छोटे मंडप बनाए जाएंगे। जिनमें भगवान की मूर्तियां विराजमान होंगी। एक मंडप में 12 लोग सिद्धों की आराधना कर सकेंगे।

आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रमोद जैन हिमांशु एवं महामंत्री नरेन्द्र जैन वंदना ने बताया कि आयोजन को भव्य एवं गरिमा प्रदान करने पूरे भोपाल जैन समाज की सक्रिय कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि इस आयोजन के लिए भोपाल  के बाहर से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे। आयोजन 18 तारीख को घट यात्रा से शुरू होगा और 26 जनवरी को  हवन एवं विशाल शोभा यात्रा के साथ समाप्त होगा।

 

— रवीन्द्र जैन पत्रकार


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