दीक्षा वर्षीदान रथयात्रा में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब।


बाड़मेर, 14 नवम्बर 2017। चैहटन नगर से विरात्रा जाने वाली रोड़ पर ढोक ग्राम में नवोदित लब्धिनिधान पाश्र्वनाथ मणिधारी तीर्थ में जैनाचार्य जिनपीयूषसागर सूरीश्वर महाराज की निश्रा व मुनिराज कमलप्रभ सागर, साध्वी प्रगुणाश्री, मित्रांजना श्री के सान्निध्य में आयोजित होने जा रही मुमुक्षु लोकेश गोलछा की ऐतिहासिक दीक्षा महोत्सव के आगाज के साथ ही छठे दिन मंगलवार को पांडवों की तपोभूमि चैहटन नगर की धर्मधरा पर मुमुक्षु लोकेश गोलछा व मुमुक्षु बहन निकिता बोहरा का भव्यातिभव्य ऐतिहासिक वर्षीदान रथयात्रा का आयोजन किया गया।

चैहटन की सड़के हुई संकड़ी, हैलीकाप्टर से हुई पुष्पवृष्टि
मुमुक्षुओं ने हाथजोड़ कर किया चैहटन की जनता का अभिवादन।
18 पाप स्थानक की संवेदना सुन फफक फफक कर रोये श्रद्धालु।

श्री लब्धिनिधान पाश्र्व-मणिधारी जैन श्वे0 तीर्थ के मदनलाल धारीवाल व मिडिया प्रभारी चन्द्रप्रकाश बी. छाजेड़ ने बताया कि मुमुक्षु लोकेश गोलछा के दीक्षा निमित आयोजित दीक्षा संवेगरंगोत्सव के तहत् शुक्रवार को मुमुक्षु लोकेश गोलछा व मुमुक्षु निकिता बोहरा का भव्यातिभव्य वर्षीदान रथयात्रा स्थानीय शांतिनाथ जिनालय से प्रारम्भ हुई।
’इन मार्गों से गुजरी रथयात्रा, जगह-जगह हुआ मुमुक्षुओं का स्वागत-’ लब्धिनिधान तीर्थ के बाबूलाल धारीवाल, महेन्द्र धारीवाल व प्रकाश धारीवाल ने बताया कि रथयात्रा स्थानीय शांतिनाथ जिनालय से प्रारम्भ होकर गायत्री चैक, जगम्दबा मंदिर, पुलिस थाना की गली, पीपली चैक, सदर बाजार से होते हुए विरात्रा चैराहा पहुंचा जहां पर आचार्य भगवंत की मांगलिक के साथ रथयात्रा का समापन किया गया। तत्पश्चात् श्रद्धालुगण पैदल व वाहनों द्वारा लब्धिनिधान तीर्थ पहुंचे।
’ये रहे रथयात्रा के मुख्य आकर्षण-’ श्री पाश्र्व-आनंद मंडल के संजय भंसाली व राकेश सेठिया कोनरा ने बताया कि रथयात्रा में सबसे आगे जैन ध्वज, ढोल पार्टी, हाथी, ऊंट व घोड़े पर सवारों के हाथ में लहराती धर्म ध्वजाएं, अष्ट मंगल, जलधारा, परमात्मा का रथ, दादा गुरूदेव का रथ, जय हिन्द बाबूभाई बैंड के मंगल ध्वनियों का वादन करते बैण्ड वादक, कच्छी घोड़ी नृत्य करते कलाकार, नगाड़ा वादक, और आचार्य भगवंत की धवलसेना, व उनके पीछे-पीछे चलते गुरू महिमा का गुणगान करते, जिनशासन की जय-जयकार करते भक्तजन, साध्वी भगवंत, सिर पर मंगल कलश धारण किये रंग-बिरंगे पोशाक में चल रही विभिन्न महिला मंडल की महिलाएं, बालिकाएं उसमें पीछे दीक्षार्थी अमर रहो, जा संयम पन्थे दीक्षार्थी तारो पंथ सदा उजमाल बने के नारों के साथ दीक्षार्थी के दीक्षा उपकरणों की छाब लिए चलते परिवारजन, मुमुक्षु लोकेश गोलछा व निकिता बोहरा का रथ सहित मारवाड़ की आन-बान-शान साफा पहने सैकड़ों श्रावक व शोभायात्रा के ऊपर हैलीकाॅप्टर के माध्यम से पुष्पवृष्टि व शांतिनाथ जैन सेवा संस्थान एवं श्री शांतिनाथ जैन धार्मिक पाठशाला के बालक शानदार बैंड का वादन कर इस रथयात्रा के मुख्य आकर्षण रहे। वहीं नगर में जिन मार्गों से रथयात्रा गुजरी वहां गुरू भगवंतों व मुमुक्षुओं का भव्य स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। रथयात्रा में बैंड की धुन एवं ढ़ोल की थाप पर गुरूभक्त युवा वर्ग जगह-जगह पर झूमते नजर आये। तथा चैहटन नगर का माहौल अद्भूत नजर रहा था। श्रद्धालुओं के जनसैलाब से चैहटन कस्बे की सड़के संकड़ी नजर आ रही थी। तथा हर किसी व्यक्ति के जुबान से मुमुक्षुओं के लिए यही शब्द निकले रहे थे कि जा संयम पंथे दीक्षार्थी तारो पंथ सदा उजमाल बने। रथयात्रा में बच्चों से लेकर बुजुर्गों ने बढ़चढ़कर भाग लिया तथा इस रथयात्रा को एक ऐतिहासिक रूप दिया। रथयात्रा का जगह-जगह पर श्रद्धालुओं द्वारा पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। कस्बे की जनता इस ऐतिहासिक रथयात्रा व मुमुक्षुओं को निहारने के लिए हर गली के नुक्कड़ पर इंतजार कर रही थी।
जिस संपति के पीछे दुनिया पागल है मुमुक्षु ने उस संपति को त्यागी- रथयात्रा के पश्चात् लब्धिनिधान तीर्थ में संवेगरंगशाला मंडप में आचार्य जिनपीयूषसागर महाराज ने उपस्थित जनमानस को संबोधित करते हुए कहा कि जिस सता-संपति-एैश्वर्य के पीछे सारी दुनिया पागल हुई भटक रही है वहीं मुमुक्षु लोकेश गोलछा ने उस सता-संपति-वैभव का त्यागकर संयम जीवन अंगीकार कर अपनी आत्मा मोक्षगामी बनाने का पथ अपनाया है।
मुनि कमलप्रभसागर महाराज ने संबोधित करते हुए कहा कि कल लोकेश के परिवारजन आचार्य भगवंत को कहें लो-केश अर्थात् अब ये लोकेश आपका हुआ अब इस केश को आप संभालों तथा आचार्य भगवंत लोकेश का मंडन कर उसके सिर चोटी उनके परिवारजन को सौंपते हुए कहेगें की ये लो केश अर्थात् अब यह लोकेश के बालों की चोटी आपके पास रखो आज से अब लोकेश का नाम, स्थान, वेश सब परिवर्तन हो जायेगा।
मुनि सम्यकरत्न सागर महाराज ने कहा कि मुमुुक्षु लोकेश ने संसार की असारता व क्षणभंगुरता का ज्ञान होने व इस स्वार्थमय संसार के सुखों को तिलांजलि देकर इस संयम पथ को अपनाया है।
अठारह पाप स्थानक की संवेदना में फफक-फफक कर रोये श्रद्धालुगण- ‘दीक्षा संवेगरंगशाला’ मंडप में मुम्ुबई से पधारे साकतेभाई ने अठारह पाप स्थानक संवेदना के माध्यम से प्राणातिपात, मृषावाद, अदतादान, मैथून, परिग्रह, क्रोध, मान, माया, लोभ, राग, द्वेष, कलह, अभ्यख्यान, पैशुन्य, रति-अरति, परपरिवाद, माया मृषावाद, मिथ्यात्वशल्य इन अठारह पाप स्थानकों का मार्मिक व हृदय स्पर्शी संवेदना के माध्यम समझाया तथा उपस्थित श्रद्धालुओं ने अपने पापों का याद करके फफक-फफक कर रो पड़े। तत्पश्चात् मुमुक्ष निकिता बोहरा का लब्धिनिधान तीर्थ ट्रस्ट मंडल द्वारा माला, चुन्दड़ी, श्रीफल व अभिनन्दन पत्र भेंट कर बहुमान किया गया।
मुमुक्ष लोकेश का किया देशभर से आये संघों ने अभिनन्दन- मुमुक्ष लोकेश गोलछा का देशभर से आये संघों ने अभिनन्दन पत्र भेंट कर अभिनन्दन किया।
पाश्र्व-आनंद मंडल के अमित सेठिया व कमलेश डोसी ने बताया कि मुमुक्षु लोकेश गोलछा के दीक्षा निमिŸा आयोजित दीक्षा संवेग रंगोेत्सव अन्तर्गत सांतवे दिन बुधवार को प्रातः 6.06 बजे मुमुक्षु लोकेश गोलछा द्वारा अरिहंत परमात्मा की विशिष्ट स्नात्र पूजा, 8.08 बजे लापसी लुटाना, 8.18 बजे मुमुक्षु लोकेश गोलछा की महाभिनिष्क्रमण यात्रा के साथ ही दीक्षा का मंगल विधान प्रारम्भ होगा।
दीक्षा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भारतवर्ष छतीसगढ़, मध्यप्रदेश, तंेलगाना, दिल्ली, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश सहित देश से विभिन्न शहरों से गुरू भक्त पधारे है।

 

  • चन्द्रप्रकाश छाजेड़

 


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