मेरे आचार्यश्री विद्यासागर, मेरे भगवान का आज 55 वां दीक्षा दिवस है


30 जून 1968 को अजमेर नगर में गुरुवर आचार्यश्री ज्ञानसागर जी महाराज ने 22 वर्ष के ब्रह्मचारी विद्याधर को दिगम्बरी दीक्षा देकर मुनि श्री विद्यासागर नाम दिया था।

अब 76 वर्ष की उम्र, बेहद सीमित आहार लेने वाले आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज इसी साल फरवरी में कुंडलपुर (दमोह मप्र) में अस्वस्थ हो गये थे। एक कदम चलना मुश्किल था। उन्हें सहारा देकर आहार कराना पड़ता था। कुंडलपुर से डोली में बिठाकर उनका विहार कराना पड़ा था।

आचार्य भगवन की साधना और संकल्प शक्ति देखिए 23 मई 2022 को तेज गर्मी के बीच उन्होंने रहली (सागर मप्र) से अचानक पदविहार शुरू किया। प्रतिदिन सुबह शाम लगभग 12 किलोमीटर चलते हुए 30 जून को आचार्यश्री 475 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के अमरावती पहुंच चुके हैं। अगले 10 दिन में 130 किलोमीटर पदविहार कर उन्हें वाशिम जिले के शिरपुर पहुंचना जहां ताले में बंद चैतन्य चमत्कारी श्री पार्श्वनाथ भगवान को कानूनी बंधन से मुक्त कराना है।

आचार्य भगवन इस युग के श्रेष्ठ आचार्य हैं। भगवन महावीर की परम्परा को जीवंत करने वाले और महावीर सा जीवन जीने वाले महासंत आचार्य भगवन के चरणों में मेरा नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु

— रवीन्द्र जैन पत्रकार


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