गुड़ामालानी नगर के 250 साल के इतिहास के बाद निकिता बोहरा 23 नव. को बनेगी जैन साध्वी।


बाड़मेर, 20 नवम्बर। आत्मा का कल्याण कर परमात्मा बनाना निश्चय ही कठिन है किन्तु असंभव नहीं इसी भावना से वसीभूत हो गुड़मालानी नगर की होनहार युवती मुमुक्षु निकिता बोहरा संयम पथ पर अग्रसर है। आज के युवा जहां महंगे मोबाइल ओर इन्टरनेट जैसी अधुनिक सुविधाओं के पीछे भागते है ओर धर्म से विमुख हो रहे है वहीं अपने आत्मकल्याण करने की भावना से गुड़ामालानी नगर की निवासी निकिता बोहरा जैसी युवती इन भौतिक सुख-सुविधाओं को नरक का द्वार मानते हुए इन भौतिक सुखों का परित्याग कर, सांसारिक चकाचैंख से मोहभंग होने के बाद 23 नवम्बर, गुरूवार को गुड़ामालानी नगर में जैनाचार्य जिनपीयूषसागर सूरीश्वर महाराज के वृहद्हस्तों से जैन साध्वी दीक्षा ग्रहण करेगी।

विचक्षण दीक्षा महोत्सव समिति के अध्यक्ष बाबूलाल बी. बोथरा व सचिव बाबूलाल पी. बोथरा ने़ बताया कि जहां इस उम्र में युवा वर्ग पापाचार, व्यभिचार व व्यसन में डूबा हुआ वहीं इस युवावस्था में मुमुक्षु निकिता बोहरा ने इन तमाम भौतिक पदार्थ को परित्याग करने का निर्णय लिया तथा संयम पथ पर अग्रसर होने की स्फुरणा जागृत की। तथा अपने स्वजन-परिजन से दीक्षा की अनुमति प्राप्त कर अपना जीवन साध्वी सुरंजनाश्री के चरणों में समर्पित कर दिया।

समिति सहसचिव सुरेशकुमार पारख ने बताया कि मुमुक्षु निकिता गत् 2-3 वर्षों से गुरूवर्या की सेवा में जाती थी। गत् वर्ष 2016 में अहमदाबाद चातुर्मास में सिद्धितप किया व चातुर्मास के समय उनकी वैराग्यमय जिनवाणी सुनकर प्रभावित हुआ तथा उसे संसार की असारता का अनुभव हुआ व उनके हृदय में संयम भावना का बीज अंकुरित हुआ। 2 वर्ष तक गुरू निश्रा में रहकर जैन धर्म के विभिन्न सिद्धान्तों, सूत्रों आदि का अध्ययन किया इस दौरान उसके परिवारजन द्वारा भी परीक्षा ली गई जिसमें खरे उतरने पर, उन्हें अक्टूम्बर माह को उनके परिवारजन द्वारा दीक्षा की अनुमति प्रदान की गई तथा गुरूवर्या से दीक्षा का मुहूर्त प्रदान करने की विनंती की गई। मुमुक्षु एवं परिवारजन की विनंती स्वीकार कर साध्वीश्री ने 23 नवम्बर 2017, गुरूवार को दीक्षा का शुभ मुहूर्त प्रदान किया।

ज्ञान-ध्यान स्वाध्याय-तप- मुमुक्षु निकिता ने गुरू निश्रा में रहकर सिद्धितप, मासक्षमण सहित कई उग्र तपस्याएं सम्पन्न की।
’संसार को असार मान संयम पथ पर अग्रसर नगर का होनहार युवा मुमुक्षु ‘लोकेश गोलछा’’

दीक्षा महोत्सव का आगाज 21 नवम्बर सेे- निकिता बोहरा का दीक्षा समारोह 21 नवम्बर को आचार्य जिनपीयूषसागर सूरीश्वर महाराज की निश्रा एवं मुनिराज कमलप्रभसागर, साध्वी सुरंजनाश्री, भव्यगुणाश्री, प्रगुणाश्री की उपस्थिति में 23 नवम्बर को सुखसागर सयंम वाटिका राणा जसवंतसिंह की प्राचीन बावड़ी के पास गुड़ामालानी नगर के में सम्पन्न होगा। दीक्षा के निमित त्रिदिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसके अन्तर्गत प्रथम दिन 21 नवम्बर को प्रातः 7 बजे प्रभातिया, 9 बजे गुरू भगवंतों का नगर प्रवेश, प्रवचन, गुरू भगवंतों की संगीतमय भक्ति, पंच कल्याणक पूजा, दोपहर 3 बजे संयमी के वेश पर केसर छांटणे, सांझी व महेन्दी वितरण, छाब सजाना, झूला झूलाने की रस्म एवं रात्रि भक्ति का आयोजन होगा।

महोत्सव के दूसरे दिन बुधवार को प्रातः 8 बजे मुमुक्षु के निवास स्थान पर चतुर्विध संघ के साथ गुरू भगवंतों के पगले, दीक्षार्थी की भव्य वर्षीदान रथयात्रा, सिद्धचक्र महापूजन, अंतिम गृह भोजन विधि, सांय 7 बजे दीक्षार्थी द्वारा 108 दीपक की परमात्मा की आरती व उसके बाद बंदौली, रात्रि में 8 बजे संयम वेश की तड़प में मुमुक्षु का विदाई समारोह रूड़ा राजमहल ने त्यागी आ तो चाल्या रे वैरागी कार्यक्रम की भव्य प्रस्तुति दी जायेगी। गुरूवार 23 नवम्बर को प्रातः मंगल मुहूर्त में दीक्षार्थी की घर से विदाई, परमात्मा की अंतिम नवांगी पूजा, व प्रातः 9 बजे दीक्षा विधि का मंगल विधि-विधान, दोपहर में दादा गुरूदेव की पूजा एवं सांय शुभ मुहूर्त में नूतन साध्वी का प्रथम विहार होगा।

इस त्रिदिवसीय कार्यक्रम में मीठी मधुर शहनाई वादन, मनोजकुमार हरण का मार्गदर्शन व पंडित अरविंदभाई सूरत का विधि-विधान, संगीतकार नितीनभाई डीसा प्राची जैन एवं नरपत मण्डोवरा की भक्ति सहित हाथी, घोड़े ऊंट, रथ, विविध झांकियां, बैण्ड, खडक ढोल, हैलीकाॅप्टर से पुष्पवृष्टि, गैर नृत्य आदि आकृषण केन्द्र रहेगे। दीक्षा महोत्सव को लेकर नगरी को दुल्हन की तरह से सजाया गया है।

 

  • चन्द्रप्रकाश छाजेड़

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