दशलक्षण पर्व और पयुर्षण पर्व में क्या है अंतर


मुनिश्री सुधा सागर जी महाराज ने बताया कि दिगम्बर जैन समाज दसलक्षण पर्व मनाते हैं जबकि श्वेताम्बर समाज पर्युषण पर्व। इस पर्व के बारे में दोनों समुदायों में अंतर यह है कि दिगम्बर जैन समाज दस धर्म 1 उत्तम मार्दव, 2 उत्तम आर्जव, 3 उत्तम शौच, 4 उत्तम सत्य, 5 उत्तम संयम, 6 उत्तम तप, 7 उत्तम त्याग, 8 उत्तम आकिंचन, 9 उत्तम ब्रह्मचर्य एवं 10 उत्तम क्षमा के रूप में दस दिवसीय दसलक्षण पर्व मनाते हैं जबकि अष्टानिका की तरह श्वेताम्बर समाज आठ दिवसीय पर्युषण पर्व मनाते हैं।

मुनिश्री ने बताया कि प्राचीन दिगम्बर जैन दर्शन में दसलक्षण पर्व का उल्लेख है न कि पर्युषण पर्व का। आजकल दिगम्बर जैन समाज में ज्यादातर लोग पर्युषण पर्व बोलते और लिखते हैं जबकि दसलक्षण पर्व बोलना और लिखना चाहिए क्योंकि दिगम्बर जैन दर्शन के अनुसार दिगम्बर जैन समाज सदियों से दस दिवसीय दसलक्षण पर्व मनाते आ रहे हैं जबकि श्वेताम्बर समाज आठ दिन का पर्युषण पर्व मनाते हैं।

— निशेष जैन, नोएडा

 


Comments

comments

अपने क्षेत्र में हो रही जैन धर्म की विभिन्न गतिविधियों सहित जैन धर्म के किसी भी कार्यक्रम, महोत्सव आदि का विस्तृत समाचार/सूचना हमें भेज सकते हैं ताकि आप द्वारा भेजी सूचना दुनिया भर में फैले जैन समुदाय के लोगों तक पहुंच सके। इसके अलावा जैन धर्म से संबंधित कोई लेख/कहानी/ कोई अदभुत जानकारी या जैन मंदिरों का विवरण एवं फोटो, किसी भी धार्मिक कार्यक्रम की video ( पूजा,सामूहिक आरती,पंचकल्याणक,मंदिर प्रतिष्ठा, गुरु वंदना,गुरु भक्ति,गुरु प्रवचन ) बना कर भी हमें भेज सकते हैं। आप द्वारा भेजी कोई भी अह्म जानकारी को हम आपके नाम सहित www.jain24.com पर प्रकाशित करेंगे।
Email – jain24online@gmail.com,
Whatsapp – 07042084535