जैन धर्म के 6वें तीर्थकर भगवान पदमप्रमु के अतिशय क्षेत्र पदमपुरा, जयपुर में दिनांक 23 जनवरी से 26 जनवरी, 2016 तक वेदी प्रतिष्ठा एवं पंचामृत महामस्तकाभिषेक समारोह का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह समारोह वात्सल्य वारिधि आचार्य रत्न 108 श्री वर्धमान सागर जी एवं उनके संघ, पूज्य आचार्य श्री शशांक सागर जी महाराज संसघ एवं पूज्य आर्यिका गौरवमती माता जी के दिशा-निर्देशन में किया जा रहा है। पदमपुरा स्थित जैन मंदिर अति प्राचीन एवं अतिशययुक्त है। यहां आकर दर्शन करने मात्र से लोगों के सारे कष्टों का निवारण हो जाता है। इसी गांव के निवासी मूला गुजर के घर की नींव खुदाई के दौरान 2 फीट एव 4 इंच की भव्य प्रतिमा प्रगट हुई थी। भगवान पदमप्रमु की मंगलकारी प्रतिमा का चमत्कार ऐसा है कि उसके बाद पानी की विकट समस्या, अचाचन, बेवजह पशुओं का मर जाना एवं अनेकों प्रकार की कष्टों का निवरण हो गया।
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कुण्डलपुर तीर्थ पर जैन आचार्य प्रमुख सागर महाराज ने किया केशलोंच
कुण्डलपुर (नालंदा) : जैन धर्म के अंतिम 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की जन्मभूमि नालंदा स्थित कुण्डलपुर दिगम्बर जैन प्राचीन तीर्थ क्षेत्र पर...
छोटा बाज़ार जैन मंदिर: एक अंतराल के बाद नैतिक शिक्षण शिविर फिर से शुरू
दिल्ली। जैन समाज के सभी धर्मानुरागियों को हर्ष के साथ सूचित किया जाता है कि शाहदरा के छोटा बाजार स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन...
जैन मुनि श्री महित सागर जी महाराज की हुई संलेखना पूर्वक समाधि
धार/कागदी पूरा:- जैन तीर्थ छोटा महावीर स्वामी कागदीपुरा में वात्सल्य वारिधि आचार्य वर्धमान सागरजी के शिष्य 85 वर्षीय मुनिश्री महित सागरजी ने संस्तरारोहण किया...
नेपाल बॉर्डर से पदयात्रा करते पटना सिटी पहुंचा जैन संत आचार्य प्रमुख सागर महाराज...
पटना सिटी। नेपाल बॉर्डर की यात्रा करते हुए जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की जन्मभूमि वैशाली तीर्थ और सीतामढ़ी के...
10 साल के सिद्धम बने श्री चंद्रसागर महाराज, पांच सौ श्लोक हैं कंठस्थ, परिवार...
इंदौर। दस साल के सिद्धम जैन को अब श्री चंद्रसागर महाराज के रूप में पहचाना जाएगा। रविवार को सिद्धम की दीक्षा पूरी हो गई...