एक मंच पर श्वेताम्बर एवं दिगम्बर संतों ने बहायी ज्ञान गंगा, ऐतिहासिक संबोधन


मध्य प्रदेश के विदिशा नगर में श्वेताम्बर जैन समाज की ओर से आयोजित धर्मसभा में एक अदभुत नजारा रविवार को देखने को मिला। धर्मसभा के मंच पर एक साथ श्वेताम्बर एवं दिगम्बर संत का धर्मसभा को संबोधित करके एक इतिहास रच दिया। जालोरी गार्डन स्थित मंच पर एक साथ आये राष्ट्रसंत आचार्य कमलमुनि और आचार्यश्री विभवसागर जी गौ रक्षा एवं धर्म की रक्षा पर खुलकर बोले। कमलमुनि ने कहा कि पंथों की लड़ाई लड़ने वाले संत नहीं शैतान की श्रेणी में आते हैं जबकि आचार्य विभव सागर जी ने कहा कि धर्म वचनों में ही न रे जाये बल्कि आचरण में भी दिखाई दे।

आचार्य विभवसागर जी ने कहा कि सभी संतों का एक मंच पर आने का पल ऐतिहासिक है। गाय की रक्षा पर आचार्यश्री ने कहा कि देश में गाय से ही धर्म, धन और पराक्रम है। भगवान महावीर ने अपने पिछले भव में शेर और पार्श्वनाथ जी हाथी थे तो क्या पता आज की गाय कल किसी भगवान के रूप में जन्म ले। उन्होंन सम्प्रदाय रूपी रंग से रंग से परे मानवता के लिए काम करने का संदेश दिया। धर्मधिकारी गिरधर शास्त्री ने कहा कि संसार में ज्ञान बहुत है पर ज्ञान को दिशा देने के लिए गुरुओं का होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि गौहत्या पर प्रतिबंध लगाकर देश में अहिंसा धर्म कायम होना जरूरी है।


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