विजय रूपानी को ही क्यों बनाया गया गुजरात का मुख्यमंत्री


अहमदाबाद/नई दिल्ली। विजय रूपानी ने रविवार को गुजरात के नए मुख्यमंत्री के रूप में और नितिन पटेल ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। इसके साथ ही आठ कैबिनेट और 16 राज्य मंत्रियों ने भी शपथ ली।

कई दिनों तक चले गहन विचार-विमर्श के बाद शुक्रवार को विधायक दल की बैठक में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं परिवहन मंत्री विजय रूपानी के नाम पर मुहर लगी थी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे नितिन पटेल को राज्य का उपमुख्यमंत्री चुना गया।

नए मुख्यमंत्री के रूप में पार्टी को ऐसे चेहरे की तलाश थी जो 2017 विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व कर सके। जैन समाज से संबंध रखने वाले विजय रूपानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाते हैं।

रूपानी सौराष्ट्र इलाके से आते हैं और राजकोट उनका शहर है। संगठन में काम करने का उनके पास लंबा अनुभव है। वह लगातार चार बार प्रदेश भाजपा के महामंत्री रह चुके हैं।

रुपानी 1998 में केशुभाई पटेल की सरकार में संकल्पपात्र अमलीकरण समिति के अध्यक्ष बने। उसके बाद नरेंद्र मोदी ने 2006 में उन्हें गुजरात पर्यटन का अध्यक्ष बनाया और उसी साल रूपानी राज्यसभा भी पहुंचे, जिसके सदस्य वो 2012 तक रहे। 2013 में मोदी ने उन्हें म्युनिसिपल फाइनेंस बोर्ड का अध्यक्ष बनाया।

वहीं उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल मेहसाणा जिले के खाडी के मनिपुर गांव से हैं। वह पहली बार 1990 में विधायक बने। नितिन 1995 में भाजपा की पहली बार गुजरात में सरकार बनने के समय से कैबिनेट मंत्री हैं।

नितिन ऑयल, शिवानी कॉटन और प्रेसिंग कारोबार के मालिक है और उनके पास मंत्रालय संभालने का लंबा अनुभव है। पटेल सरकार में हेल्थ, एग्रीकल्चर, रोड्स एंड बिल्डिंग, अर्बन डेवल्पमेंट, रेवेन्यू और वित्त विभाग संभाल चुके हैं। नितिन पटेल की नियुक्ति को पाटीदारों को मनाने की कोशिशों के तौर पर देखा जा रहा है।

राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने कुछ दिन पहले ही फेसबुक पर एक पोस्ट डालकर इस्तीफा देने के अपने फैसले की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि वह इस पद से हट जाना उपयुक्त समझती हैं क्योंकि वह इस साल नवंबर में 75 की हो जाएंगी।

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