99 करोड़ जैन मुनिराजों की निर्वाण स्थली रही सिद्धक्षेत्र मांगीतुंगी में जैन धर्म के पहले तीर्थकर भगवान ऋषभदेव की भव्य, मनोहारी 108 फुट ऊंची खड़गासन प्रतिमा बनाने का कार्य लगभग पूर्ण होने को है। यह भी चमत्कार ही है कि एक ही पत्थर से इस विशाल प्रतिमा का निर्माण हो रहा है। इस प्रतिमा का पंचकल्याणक आर्यिका शिरोमणि ज्ञानमती माता जी के सानिध्य में 11 फरवरी से 17 फरवरी, 2016 को होने जा रहा है। प्रतिमा स्थापित हो जाने के बाद मांगीतुंगी ऐसा सिद्धक्षेत्र हो जाएगा, जहां विश्व की सबसे बड़ी जैन प्रतिमा होगी।
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17 दिसंबर को गिरनार सहित जैन तीर्थो पर अवैध अतिक्रमण के विरोध में देशव्यापी...
विश्व जैन संगठन के विश्वास नगर, दिल्ली में स्तिथ मुख्य कार्यालय में आयोजित विशेष सभा में संगठन की मुख्य कार्यकारिणी और सहयोगी संस्थाओं ने...
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज का देवकर में मंगल प्रवेश
देवकर। शुक्रवार को दिगम्बर जैन संत आचार्य प्रवर 1008 श्री विद्यासागर जी महाराज साहब जी का नगर देवकर में भव्य मंगल प्रवेश बाजे गाजे...
विश्वशांति महायज्ञ के साथ संपन्न हुआ भोलानाथ नगर जैन मंदिर का पंचकल्याणक महोत्सव
पूर्वी दिल्ली : भोलानाथ नगर शाहदरा के नवनिर्मित जैन मंदिर में चल रहे पंचकल्याणक महोत्सव के अंतिम दिन आयोजित विशाल धर्म सभा में विश्व...
विदेश में नीलाम होने जा रही यह प्राचीन तीर्थंकर प्रतिमा किस जैन मंदिर की...
जैन पुरातत्त्व सम्बन्धी कुछ जानकारी के लिए मैं गूगल पर सर्च कर रहा था । देखते-देखते मुझे एक प्राचीन तीर्थंकर प्रतिमा जी की फोटो...
27 अक्टूबर को अयोध्या में दिगंबर जैन सर्वजातीय सम्मेलन
अयोध्या। परम पूज्य गणिनी प्रमुख ,सर्वप्राचीन दीक्षित श्री ज्ञानमती माताजी के 72 वें संयम दिवस एवं 90 वें जन्म जयंती पर आयोजित "शरद पूर्णिमा...