आचार्यश्री ज्ञानसागर ने कहा कि मंदिर जाने से मिलती है सकारात्मक ऊर्जा और तनावों से मुक्ति

मंगलवार को क्षेत्रपाल जैन मंदिर ललितपुर में धर्मसभा को सम्बोधित करते आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज

ललितपुर। मंगलवार को क्षेत्रपाल जैन मंदिर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए राष्ट्संत आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज ने कहा कि आप अनेकों मंत्रांे की आराधना करते हैं पर मंत्रों की महिमा से आप उतना परिचित नहीं हैं। जिस णमोकार मंत्र की आराधना आप करते हैं वह मंत्र भावपूर्वक अगर आप पढ़ते हैं तो वह मंत्र आपके मनोबल को मजबूत करता है। मंत्रों से आपके जीवन में शक्ति का जागरण होता है। मन के विकारी भावों से रक्षा करने में मंत्र माध्यम बनते हैं। मंत्रों को जितना अधिक आप एकाग्रता स ेजपते हैं उतना अधिक आप पापों का प्रक्षालन कर सकते हैं। मंत्र संकट में हमारी रक्षा करते हैं, वह सलाहकार का काम करते हैं। मंत्र पूरी दृढ श्रद्धा विश्ववास के साथ जपने पर ही फलदायी होते हैं। मन के प्रदूषण को मंत्र दूर करते हैं।

तंत्र-मंत्र-यंत्र और षडयंत्र शब्दों की व्याख्या के साथ आचार्यश्री ने आगे कहा कि णमोकार मंत्र सभी मंगलों में पहला मंगल है। सभी पापों का नाशक है। इस मंत्र की जाप करने से आत्म जागरण की प्रक्रिया प्रारंभ होती है। णमोकार मंत्र 84 लाख मंत्रों का जनक महामंत्र है। पापों से छुटकारा पाने के लिये जाप,ध्यान बहुत जरूरी है। जाप की नहीं पापों की गिनती करो। मैंने पाप किया इस ओर ध्यान दीजिये। पापों के द्वारा हमारी आत्मा मलिन होती है।

उन्होने आगे कहा कि युवा पीढ़ी को धर्म से जोडें। समाजसेवा करने वाले व्यक्ति के पास तनाव कम होता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। इसलिए सभी व्यक्तियों को समाज, परिवार, देश के विकास उन्नयन के लिए समाजसेवा में आगे आना चाहिए।  जो हमारा उपकार करे उसका हमें उपकार नहीं भूलना चाहिए। एक दूसरे की सहायता करना यह हमारी भारतीय संस्कृति है। कृतज्ञ बनो, कृतघ्नी नहीं।उन्होंने कहा कि  मंदिर जाने से हमें सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। मंदिर जाने से हमारे तनाव दूर होते हैं और अतीव सुख और शांति का अनुभव प्राप्त होता है। उन्होंने 24 घंटे का नियम देते हुए कहा कि आज फास्टफूड नहीं खाना। फास्टफूड खाने से कैंसर तक बीमारी होती है।

आचार्यश्री के प्रभावी प्रवचन को सुनने के लिए इन दिनों क्षेत्रपाल जैन मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण पहुंच रहे हैं। बाहर से भी बड़ी संख्या में आचार्यश्री के भक्त निरंतर आकर धर्म लाभ ले रहे हैं।

धर्मसभा का शुभारंभ  श्रीमती प्रियंका जैन के द्वारा मधुर स्वर में प्रस्तुत मंगलाचरण से हुआ। पश्चात् आचार्य श्री सुमतिसागर जी महाराज के चित्र का अनावरण और दीप प्रज्जवलन पंडित शीतलचंद्र जैन, पंडित गुलाबचंद्र जैन, डाॅ. सुनील संचय, अक्षय अलया, पंडित ज्ञानचंद्र जैन, पंचम जैन आदि ने अपने कर कमलों से किया। आचार्यश्री को शास्त्र भेंट महिला मंडल ने किया। संचालन जैन पंचायत के महामंत्री डाॅ. अक्षय टडै़या ने किया।

इस अवसर पर जैन पंचायत के अध्यक्ष श्री अनिल अंचल ने आचार्यश्री के सान्निध्य में आगामी समय में होने वाली कैरियर काउंसलिंग के बारे में जानकारी दी और कैरियर काउंसलिंग में भाग लेने के इच्छुक प्रतिभागियों से अविलंब फार्म जमा करने की अपील की।

इस अवसर पर  अध्यक्ष अनिल जैन अंचल, महामंत्री डाॅ़ अक्षय टडै़या, संयोजक प्रदीप सतरवांस, शीलचंद्र अनौरा, अन्नू भैया, नरेन्द्र जैन राजश्री, वीरेन्द्र विद्रोही,  डाॅ. सुनील संचय, अक्षय अलया, संजीव जैन ममता स्पोटर्स, मुकेश जैन नेता, अरविंद जैन साढूमल, मनोज बबीना,  आशीष जैन, पंडित शीतलचंद्र जैन, शिखरचंद्र जैन बंट, पंकज जैन, शांतिलाल जैन मुरैना आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण, श्रेष्ठि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

संघस्थ मुनि श्री ज्ञेयसागर जी महाराज, ब्र. अनीता दीदी, ब्र. रेखा दीदी, ब्र. मंजूला दीदी, ब्र. अल्पना दीदी, ब्र. सरिता दीदी द्वारा भी धर्मप्रभावना की जा रही है। संन्ध्याकाल में स्वाध्याय की कक्षा, आचार्यभक्ति, प्रश्नमंच, आरती में भी लोग बड़ी संख्या में धर्मलाभ ले रहे हैं। ब्र. अनीता दीदी के ओजस्वी और तेजस्वी वाणी को सुनने भी बड़ी संख्या में लोग पहुँच रहे हैं।

  • डाॅ. सुनील जैन संचय

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