600 वर्ष प्राचीन जैन प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाएगा आर्कियोलॉजिकल डिपार्टमेंट


ग्वालियर  दुर्ग  में उरवाई गेट के समीप स्थित 600 वर्ष पुरानी जैन मूर्तियों का पानी के रिसाव के कारण पहुंच रहे नुकसान से बचाने हेतु एएसआई (आर्कियोलोजिकल सव्रे ऑफ इंडिया) जल्द मुहिम शुरू करने जा रहा है। एएसआई के अधीक्षक पुरातत्वविद जुल्फिकार अली के अनुसार सूरजकुंड से रिसने वाला पानी मूर्तियों को हो रहे नुकसान से बचाने के लिए उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से वार्ता की। आशा है कि जल्द पानी का रिसाव बंद करने और इससे मूर्तियों को हुए नुकसान का एएसआई मानकों के अनुरूप केमिकल ट्रीटमेंट कर पुन: पुराने रूप में लाने की कोशिश की जाएगी।

ज्ञातव्य हो कि 11 सितम्बर को दैनिक भास्कर में उक्त जैन मूर्तियों पर लगातार पानी गिरने से उनको हो रहे नुकसान संबंधी रिपोर्ट प्रकाशित की थी। रिपोर्ट के बाद जैन समाज के लोगों ने मूर्तियों के बचाव के लिए हर संभव योगदान देने की बात कही किंतु एएसआई  के अधिकारियों ने सहयोग लेने से साफ मना कर दिया। वहीं एएसआई ने कहा कि हम जैन समाज द्वारा सहयोग की पेशकश का स्वागत करते हैं किंतु 600 वर्ष प्राचीन मूर्तियों की सुरक्षा और संरक्षण की जिम्मेदारी हमारे विभाग की है और हम लोग एक तकनीकी टीम भेजकर मूर्तियों के क्षरण रोकने के लिए जल्द काम शुरू करा देंगे। जैन समाज ने कहा कि ये जैन मूर्तियां हमारी राष्ट्रीय धरोहर है और यदि एएसआई विभाग हमें परमिशन देती है तो हम इनके संरक्षण और सहयोग में मदद करने को तैयार हैं।


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