Home Jain News आर्यिका 105 विकाम्या श्री माता जी को उत्तरप्रदेश के मँझवा सकल जैन समाज ने संस्कार प्रणेतृ के उपाधि से अलंकृत किया।

आर्यिका 105 विकाम्या श्री माता जी को उत्तरप्रदेश के मँझवा सकल जैन समाज ने संस्कार प्रणेतृ के उपाधि से अलंकृत किया।

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आर्यिका 105 विकाम्या श्री माता जी को उत्तरप्रदेश के मँझवा सकल जैन समाज ने संस्कार प्रणेतृ के उपाधि से अलंकृत किया।

महान दिगम्बर जैन संत गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज की सुशिष्या श्रमणी आर्यिका 105 विकाम्या श्री माता जी को उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर स्थित मँझवा सकल जैन समाज ने 12 जून 2019 को भव्य भूमितिलक शिलान्यास महोत्सव के अवसर पर “संस्कार प्रणेतृ” के उपाधि से अलंकृत किया है।

आर्यिका विकाम्या श्री माता जी को जैन समाज ने संस्कार प्रणेतृ के उपाधि से सम्मानित करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रहे थे , इस मौके पर सकल जैन समाज के बीच हर्ष की लहर थी।

स्थानीय जैन समाज ने कहा कि ऐसी वात्सल्य प्रेमी , करुणामयी माँ विकाम्या श्री माता जी ससंघ का पावन सानिध्य हम सभी को प्राप्त हुआ , जो हमारे जीवन के दशा-दिशा बदलकर हमारे बीच जो संस्कार की दिया जलाई है वह माँ विकाम्या श्री के उपकार मँझवा के इतिहास में दर्ज हो गया है जिसे जैन समाज कभी नही भूला सकता।

बताया गया कि माता जी ससंघ का दिल्ली की ओर मंगल विहार चल रहा था उसी क्रम में इस मँझवा गांव में करीब 3 माह पूर्व मंगल प्रवेश हुआ था , उसी समय कुछ दिनों के प्रवास के दौरान माता जी ने गांव के जैन समाज के स्थिति देखकर अचंभित रह गई कि यहाँ जैन संस्कार , धर्म ज्ञान की आवश्यकता है और माता जी ने बीड़ा उठाया कि इस गांव के जैन समाज की स्थिति व धर्म की धारा इनके संस्कारों में बदल देना है।

देखते ही देखते 2 माह के अंदर जो मंझवा गांव में बदलाव आया वो वाकई देखते ही बनता है , पूरे जैन समाज के बीच धर्म को लेकर जो समर्पण और भक्ति है शायद ही कहीं ऐसा देखने को मिलेगा , फिर क्या मँझवा जैन समाज का धर्म के प्रति समर्पण और भक्ति को देख आर्यिका ससंघ भी प्रभावित हो गई।

इस गांव के जैन समाज के बच्चे , जवान , बूढ़े सभी के बीच धर्म संस्कार के प्रति माता जी के सानिध्य व आर्शीवाद से जो बदलाव हुआ वह उपकार यहां के समाज के हृदय को झकझोर दिया और समाज ने गुरु स्वरूप माँ विकाम्या श्री  के दिव्य गुणों से प्रभावित होकर एक छोटा सा उपाधि सम्मान में संस्कार प्रणेतृ से अलंकृत किया।

आर्यिका 105 विकाम्या श्री माता जी की प्रेरणा व मंगल सानिध्य व आर्यिका 105 विगुंजन श्री माता जी का मार्गदर्शन एवं सम्पूर्ण ससंघ के निर्देशन में यहां होने वाले श्री 1008 भगवान पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर का नव निर्माण को लेकर 12 जून को मँझवा गांव में भव्य भूमितिलक शिलान्यास महोत्सव का आयोजन बहुत ही धूमधाम से किया गया था , जिसमें सकल भारतवर्ष से हजारो की संख्या में जैन समाज शामिल होकर आयोजन को सफल बनाया।

साथ ही इस मौके पर विकाम्या – विगुंजन श्री फाउंडेशन & चैरिटेबल ट्रस्ट के पोस्टर का विमोचन किया गया।

— प्रवीण जैन (पटना)


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