सम्मेद शिखरजी की स्वतंत्र पहचान और पवित्रता नष्ट करने वाली अधिसूचना रद्द कराने हेतु 6 जून 2022 से जंतर मंतर, दिल्ली सहित देशव्यापी आन्दोलन


झारखंड में गिरिडीह जिले में स्तिथ सबसे ऊँची पहाड़ी ‘पारसनाथ’ से 24 जैन तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों
ने मोक्ष प्राप्त किया था!

विश्व जैन संगठन द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता और विशेष सभा में संगठन के अध्यक्ष श्री संजय जैन ने बताया कि केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018-19 में तत्कालीन रघुबर दास की झारखंड सरकार की अनुसंशा पर बिना जैन समाज की सहमति लिए सर्वोच्च जैन तीर्थ को वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग घोषित करने वाली अधिसूचना को रद्द कर सम्पूर्ण पर्वत और मधुबन क्षेत्र को मांस-मदिरा मुक्त पवित्र “जैन तीर्थस्थल” घोषित कराने हेतु संगठन द्वारा 27 जनवरी और 17 मार्च 2022 को केंद्र सरकार और झारखंड सरकार को याचिका के साथ नोटिस भेजा गया था, जिस पर आज तक कोई कार्यवाही न किये जाने के विरोध में सोमवार, 6 जून 2022 को दिल्ली के जंतर मंतर सहित देशव्यापी आंदोलन का आयोजन किया जा रहा है।

संगठन के महामंत्री श्री सुदीप जैन ने कहा कि जैन तीर्थ की पवित्रता नष्ट करने का प्रयास करना अहिंसक व शांतिप्रिय जैन समाज की भावनाओं से छेडछाड़ करना दुखद व असहनीय है और भारतीय संविधान और अल्पसंख्यक अधिकारों का उल्लंधन है।

उपाध्यक्ष व आंदोलन संयोजक श्री यश जैन ने समस्त जैन समाज का आह्वाहन किया कि झारखण्ड सरकार द्वारा धार्मिक तीर्थो की पवित्रता को पर्यावरण पर्यटन के नाम पर प्राइवेट कंपनियों को सौपने का प्रयास स्वीकार नही किया जायेगा और समस्त भारत ही नहीं अपितु विश्व का जैन समाज इसका विरोध करेगा और जब तक अधिसूचना रद्द नही की जाती आन्दोलन जारी रहेगा!

महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका रूचि जैन, संगठन के प्रचार मंत्री प्रदीप जैन और वरुण जैन (ज्ञान जाग्रति मंच), एडवोकेट विजय जैन, राजेंद्र जैन (छुर वाले) ने झारखंड और केंद्र सरकार से पर्वतराज के वंदना मार्ग को अतिक्रमण मुक्त कर स्थायी CRPF की नियुक्ति के साथ स्कैनर व बैरियर सहित सामान जांच चेक पोस्ट लगाने और पर्वतराज की पवित्रता व संरक्षण के लिए सम्पूर्ण क्षेत्र को मांस-मदिरा मुक्त पवित्र “जैन तीर्थस्थल” घोषित करने की मांग की!

— सुदीप जैन


Comments

comments