घबराए नही आपका धर्म नही छूट रहा है, मंदिर जाना जरूरी नही, घर बैठे पूजन करे टीवी पर ही शान्तिधारा देखे: मुनि श्री प्रमाण सागर


सागर। मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज ने कहा धर्म स्थान पर दिए गए दान का बड़ा महत्व है और अस्पताल में दिए गए दान का अलग, अस्पताल की उपयोगिता जीवन निर्माण है जबकि धर्म की आस्था विपदा की घड़ी मे आपके साथ रहती है यह कोरोना वायरस का संकट है थोड़ा सावधानी रखे कुछ दिन मे चला जाएगा अस्पताल भी किसी को अमर नही बना सकता। मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज ने कहा अस्पताल तन तो ठीक कर सकती है पर मन को धर्म ही ठीक कर सकता है। उन्होने कहा इस आपदा से रंच मात्र भी घबराओ नही इससे बड़ी बड़ी आपदाये आकर चली गयीं। सृष्टि को कोई खत्म नही कर स कता है यह प्रकोप तन पर है आत्मा पर नही आत्मा तो चोला बदल लेता है आत्मा का न तो जन्म होता है न मरण होता जब जाना होता है तो सब चले जाते है दुध पीता बच्चा भी संसार से चला जाता है अपनी सोच को ठीक करे और मन के भय को दूर रखे। सरकार द्वारा जो निर्दश आपको दिए जा रहे है उसका पालन किया जाना चाहिए। संक्रमित लॉगो के बारे मे आप सोचो क्योकि प्रक्रति के आगे मनुष्य के हाथ बहुत छोटे होते है।

मुनिश्री ने कहा आचार्य ज्ञानसागर जी महाराज ने कहा था कि आत्मा मेरी है और शरीर राष्ट्र का है राष्ट्र का सम्मान करना है इसे आगे बढाने का कार्य करना है अभी लोगो को बचाने का कार्य करना चाहिए मन्दिरो में जो दवाब सुबह चल रहा है वह कम होना चाहिए धर्म भाव से होता है घर बैठकर भगवान से प्रार्थना करो की सभी का मंगल हो त्यागी व्रति औऱ जो प्रतिमाधारी है वह सब घर बैठकर धर्म ध्यान करे जरूरी नही मन्दिर जाए यह आपदा अचानक आयी है यह आपदा आप पर नही सम्पूर्ण विश्व पर आई है तो आप लोगो को लग रहा है धर्म छूट रहा है तो लोग घबरा रहे है धर्म हमारे अंदर की आस्था है घर मे बैठकर ही आप अभिषेक शान्तिधारा देखे और शांति जाप करे। मुनि श्री ने कहा ज्ञान सबके  पास अनंत है बस अन्तर इतना है आपकी फ़ाइले बन्द है और मेरी फाईले फट से खुल जाती है इसे मेटल फ़ाइलिंग कहते है यह एक कला है जब मैं ध्यान मैं होता हु तो अपने आप मे होता हूं जब आपके बीच होता हु आप जैसा होता हूं आशावादी बनो मन में हताशा के भाव कभी मत लाओ एक प्रश्न के उत्तर में मुनि श्री ने कहा हार भी जाओ पर हिम्मत कभी मत हारना बार बार असफल हो तो यह सोचिए असफलता से कभी घबराए नही आशावदी बने मन मे कभी हताशा का भाव नही लाना चाहिए। उन्होंने अब्राहम लिंकन का उदाहरण दिया और कहा 19 चुनाव हारने के बाद वह सीधे अमेरिका के राष्ट्रपति बने विफल व्यक्ति ही सफल होता है धैर्य धीरज मन मे रखना चाहिए हमे आत्मविश्वास नही खोना चाहिए क्योको कोशिश करने वालो की कभी हार नही होती।

 

— अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमण्डी


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