जीर्ण-शीर्ण हो चुकी है अतिप्राचीन दिगंबर जैन संप्रदाय की गुफाएं


बड़वानी/खेतिया (काशीनाथ भंडारी). नगर से 12 किमी दूर महाराष्ट्र सीमा पर स्थित दरा फाटा डेम के सामने बहने वाली नदी के मुहाने पर लोणखेड़ा गांव है। यहां पर अतिप्राचीन दिगंबर जैन संप्रदाय की गुफाएं है, जो समय के साथ जीर्ण-शीर्ण हो चुकी हैं। इसका जीर्णाेद्धार दिल्ली की जैन संस्थान संस्थानम अभयदानम के माध्यम से किया जा रहा है। दिल्ली संस्थान के ट्रस्टी व मुख्य संरक्षक गौरव जैन व सहयोगी विवेक जैन ने बताया कि हमारी संस्थान भारत व विदेशों में जैन समाज से संबंधित प्राचीन धरोहरोंं के संरक्षण, पक्षी अस्पताल, गरीब वर्ग के लिए नि:शुल्क स्कूलें व लोगों के रोजगार के अवसरों को प्रदान करने का कार्य करती हैं।

तीन हजार वर्ष पूर्व हुआ था गुफाओं का निर्माण

गौरव जैन ने बताया कि विगत वर्ष में महावीर जयंती पर नंदुरबार नगर में जैन समाज की कार्यशाला शिविर के आयोजन में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्हें इस प्राचीन धरोहर व गुफाओं के बारे में ज्ञात हुआ। जैन ने बताया कि इन गुफाओं का निर्माण तीन हजार वर्ष पूर्व हुआ था। इसे उस समय के कुंद-कुंद महाराज आचार्य के शिष्य मुनि भद्रकेतु के माध्यम से इन पवित्र स्थान का पंच कल्याणक किया होगा। इन गुफाओं में 24 तीर्थंकरों की प्रतिमाएं स्थापित है। गुफा में एक प्रत्थर पर प्रशस्तिपत्र उकेरा मिला है। इसे पुरातत्व विभाग समझने की कोशिश में लगा है।

पत्थर की धर्मशाला के मिले अवशेष

जैन ने बताया कि ये स्थान तीन हजार वर्ष प्राचीन है। स्थापित प्रतिमाएं ऋषभदेव से लगाकर भगवान महावीर तक के 24 तीर्थंकरों की है। इसमें नेमीनाथ भगवान, चंद्रप्रभु, पारसनाथ भगवान आदि की प्रतिमाएं शामिल है। यहां पर पत्थर की धर्मशाला के अवशेष भी मिले हैं। वर्तमान में दो गुफाएं जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। बाकी तीन गुफाएं पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है। इन्हेंं पांच पांडव गुफा के नाम से इस क्षेत्र में पहचाना जाता है। जीर्णाेद्वार में करीब संस्था ने 10 लाख रुपए तय किए है। इसके जीर्णाेद्वारा में यज्ञ शिल्पी भाटी व एस सोलंकी शिल्पकारों की देख-रेख में हो रहा है। इस संस्था द्वारा यहां पर पक्षी अस्पताल भी खोला जा रहा है। जहां पक्षियों का इलाज मुफ्त में होगा। इसके पूर्व दिल्ली, गाजीयाबाद, नोयड़ा में पक्षी अस्पताल प्रारंभ किया है। प्रतिमाओं को वज्र लेप लगाकर हजारों वर्षों तक संरक्षण किया जाएगा।

  • Patrika.com/Manish Arora

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