Home Jain News मोह, राग और द्वेष आत्मा को किंकर्तव्यविमूढ़ बनाते है। – Acharya Vidyasagar

मोह, राग और द्वेष आत्मा को किंकर्तव्यविमूढ़ बनाते है। – Acharya Vidyasagar

0
मोह, राग और द्वेष आत्मा को किंकर्तव्यविमूढ़ बनाते है। – Acharya Vidyasagar

चंद्रगिरि डोंगरगढ़ में विराजमान संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने मोह, राग और द्वेष की परिभाषा बताते हुए कहा की मोह हमें किसी भी वस्तु या मनुष्य आदि से हो सकता है जैसे दूध में एक बार जामन मिलाने पर वह जम जाता है फिर दोबारा उसी बर्तन पर दूध डालने पर दूध अपने आप जम जाता है उसमे दोबारा जामन नही डालना पड़ता | उसी प्रकार मनुष्य भी मोह में जम जाता है | राग और मोह में अंतर होता है | राग के कारण वस्तु का वास्तविक स्वरुप न दिखकर उसका उल्टा स्वरुप दिखने लगता है | जैसे कोई वस्तु है, यदि आपको उससे राग होगा तो आप कहोगे की यह वस्तु बहुत अच्छी है और उसी वस्तु से किसी को द्वेष होगा तो वह कहेगा की यह वस्तु खराब है |

बड़े – बड़े विद्वान्, श्रमण, श्रावक आदि भी इस मोह, राग और द्वेष से नहीं बच पायें हैं | आचार्य श्री ने कहा की वे आज पद्मपुराण पढ़ रहे थे तो उसमे बताया गया है की रावण बहुत विद्वान्, बहुत बड़ा पंडित, बहुत ज्ञानी, धनवान, ताकतवर था परन्तु श्री राम की धर्मपत्नि सीता से उसे मोह होने के कारण उसका सर्वनाश हो गया एवं उसका भाई विभीषण ने भी उसका सांथ छोड़ दिया था | आज बहुत से लोग शास्त्र, ग्रन्थ आदि पढ़कर पंडित, ज्ञानी हो गए हैं उन्हें इस ज्ञान का उपयोग पहले अपने कल्याण के लिए करना चाहिये फिर दूसरों का कल्याण करना तो अच्छी बात है ही |

दिनांक 04/06/2017 दिन रविवार  को आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी को आहार कराने का सौभाग्य सतना निवासी श्री संदीप जैन अवन्ती परिवार सतना वालों को हुआ एवं श्री संदीप लुहाडिया ने आचार्य श्री को शास्त्र भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया | आज रायपुर जैन समाज के लोगों ने वृक्ष लगाने और उसकी देखरेख करने  का संकल्प लिया एवं आचार्य श्री को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया |

इस उपलक्ष्य में शाम 6 बजे से आचार्य श्री जी कि विशेष  भक्ति, भजन संध्या का कार्यक्रम चंद्रगिरि डोंगरगढ़ प्रांगण में रखा गया | इसके लिये चंद्रगिरि ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष श्री किशोर  जैन,  कोषाद्यक्ष श्री सुभाष चन्द जैन, प्रतिभास्थली प्रभारी एवं चंद्रगिरि ट्रस्ट के ट्रस्टि श्री सप्रेम जैन, श्री अमित जैन, श्री चंद्रकांत जैन, श्री निखिल जैन, श्री दिपेश जैन, अंकित जैन, विकास जैन  एवं सकल जैन समाज डोंगरगढ़ ने उन्हे बधाई एवं शुभाकामनायें दी।
यह जानकारी चंद्रगिरि डोंगरगढ़ से निशांत जैन ने दी है।


Comments

comments