सिद्ध क्षेत्र बावनगजा में शुरू हुआ 84 मंडलीय सिद्ध चक्र महामंडल विधान


अष्टाह्निका पर्व : सिद्ध क्षेत्र बावनगजा में शुरू हुआ 84 मंडलीय सिद्ध चक्र महामंडल विधान, आठ दिन तक चलेगा

सिद्ध चक्र मंडल पूजा का शुरू होना मणि कंचन योग है – प्रमाण सागर जी महाराज

बावनगजा – सिद्धक्षेत्र बावनगजा में सोमवार से 84 मंडलीय सिद्ध चक्र महामंडल विधान (अष्टाह्निका पर्व) की शुरुआत हुई। 8 दिन चलने वाले इस विधान को लगभग 1340 भक्त मंडल के पास बैठकर व पांडाल में नीचे बैठकर विधान कर रहे हैं, जो आठ दिन तक करेंगे। विधान मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज और विराट सागर जी महाराज के सान्निध्य में चल रहा है।

बावनगजा ट्रस्ट के सदस्यों ने बताया सुबह 6.30 बजे विधान करने वाले सभी भक्तों ने भगवान का अभिषेक, शांतिधारा की और संकल्पित हुए। मुनि संघ को बैंडबाजों के साथ उनके कक्ष से पांडाल तक लेकर आए और मुनिश्री की मौजूदगी में ध्वजारोहण किया गया। पांडाल का उद्घाटन किया गया। इसके बाद सभी 84 मंडलों पर पूजन करने वाले भगवान की प्रतिमाएं अपने मस्तक पर रखकर पांडाल में लेकर पहुंचे और वेदी में विराजमान कर विधान शुरू किया। अब रोजाना शांतिधारा, अभिषेक के साथ विधान होगा।

मुनिश्री प्रमाण सागर महाराज ने बताया आज की घड़ी बड़ी पावन घड़ी है। अष्टाह्निका पर्व का प्रथम दिन और सिद्ध चक्र मंडल पूजा का शुरू होना मणि कंचन योग है। ये हमारे पिछले पापों से मुक्त होने का योग है। अपने-आप को पवित्र करने का योग है। ये कोई साधारण विधान नहीं है। ये जीवन की सर्वश्रेष्ठ आराधना है। एक बार सिद्ध चक्र विधान करने से किए गए पापों का प्रायश्चित होता है। इस विधान को मन लगाकर करें। फल जरूर मिलेगा।

संकलन – अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी


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