रतलाम नगर में मुनि श्री प्रमाण सागर जी एवं मुनि श्री विराट सागर जी महाराज चातुर्मासरत थे। चातुर्मास के बाद उनका मंगलवार को विहार हुआ और वे सालाखेड़ी होते हुए स्कूल पहुंचे, जहां रात्रि विराम हुआ। बुधवार प्रात: रेनमऊ पर आहारचर्या कर धराड़ होकर धार पहुंचेंगे। रतलाम में मुनिश्री का चातुर्मास हेतु मंगल प्रवेश 9 जुलाई को हुआ था और 27 जुलाई को कलश स्थापना के साथ नगर के लोकेंद्र भवन में चातुर्मास की स्थापना हुई थी।
लगभग पांच माह मुनिश्री के सानिध्य में रतलाम में शंका समाधान, दसलक्षण पर्व एवं पूजन-विधान सहित 48 मंडपों पर श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं वि शांति यात्रा सम्पन्न हुई। रतलाम नगर में मुनिश्री के चातुर्मास के दौरान पूरे देश के श्रद्धालुगण दर्शन करने आये और मुनिश्री का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान रतलाम नगरवासी सहित आसपास के श्रद्धालुओं का मुनिश्री का सानिध्य पाकर इतने गदगद और मुनिश्री से इतना लगाव हो गया कि मुनिश्री के विहार करते समय लगभग डेढ़-दो लाख श्रद्धालुओं के आंसू झलक गये।
मुनिश्री ने लोकेंद्र भवन से विहार शुरु कर स्टेशन रोड, अनाज मंडी होते हुए स्कूल पहुंचे। विहार कराने वालों में मुख्य रूप से ओम अग्रवाल, अजय बाकीवाल, कमलेश पापरीवाल, कीर्ति बडजात्या, नीलेश गोधा, धम्रेश कोठारी, अनुराग जैन, विकास जैन, वीरेंद्र गंगवाल, विमल सन्मति मंडल के मनोज अग्रवाल, रतज बडजात्या, अविरल मोठिया सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद रहे।