मन खोलता है इंसान की करनी की पोल: पूर्णमति माताजी


गोटेगांव। आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी ने कहा इंसान दुनिया की नज़र मे कितनी भी धूल झोंक दे मगर उसका मन उसकी सारी पोल खोल देता है। इन्सान  जिस मूवी को 12 माह पूर्व देखता है उस मूवी का स्मरण करके रखता है लेकिन प्रवचन श्रृंखला में जो बातें कही जाती है वह इंसान बारह मिनट मे भूल जाता है। यह इसलिए होता है कि इंसान अपने आनंद का कारण जिसको मान कर चलता है उसको भूलता नही है जिसको आंनद का कारण नही मानते हो उसको पल भर मे सुनने के बाद  भुला देते है। मानव वास्तविक आनंद देने वाले को विस्मृत कर जाता है और मिथ्या बातों का स्मरण करके रखता है। माताजी ने

कहा दोनी की आलोचना करना चाहिए और स्वयं को प्रतिक्रमण से मन को पवित्र करना चाहिए स्वयं की आलोचना करने को ही हम प्रतिक्रमण कहते है।अपने जीवन पर  तर्क की अपेक्षा सर्तक होकर कार्य करना चाहिए। विज्ञान ने विराट को अणु बना दिया वही धर्म ने लघु को प्रभु बना दिया। अब मानव को विचार करना चाहिए कोन महान है धर्म या विज्ञान। जो जड़ को श्रेष्ठ बना दे वह धर्म ही महान होता है। क्योकि धर्म से मात्र विकास होता है विनाश नही

  — अभिषेक जैन लुहाड़िया


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