गुरुग्राम में पहली बार 35 जैन संतों का आगमन


गुरुग्राम। गुरु की पावन नगरी में पहली बार एक साथ 35 जैन मुनि और माताजी के पधारने से नगर का भक्तिमय वातावरण का संचार हुआ। राजस्थान के सीकर जाने के क्रम में जैन मुनियों का दल बृहस्पतिवार को गुरुग्राम पहुंचा। इस मौके पर हरियाणा के पीडव्ल्यूडी मंत्री राव नरवीर ने मुनि दल की आगवानी और स्वागत किया। बड़ी संख्या में उपस्थित जैन समाज सहि अन्य धार्मिक समूह मुनिवरों को जैकबपुरा स्थित दिगम्बर जैन मंदिर बारादरी तक ले गए।
इस दौरान वारादरी में राष्ट्र संत जैन आचार्य विराग सागरजी महाराज ने अपने प्रवचन में समाज को शांति, भाईचारे व सह-अस्तित्व के साथ रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा, जीवन का अधिकार सभी को है। मनुष्य को ही इन बातों का ध्यान रखना होगा।
उन्होंने कहा कि, जैन धर्म का सिद्धान्त है ‘जियो और जीने दो’। यह मात्र कहने या सुनने या फिर विचार के रूप में पुस्तकों में ही सीमित रखने की बात नहीं है बल्कि जीवन में इसे शुद्ध अंत:करण से अपनाना होगा। ऐसा कर ही हम अपने को, दूसरे को और समाज को सुख, शांति और समृद्धि प्रदान कर सकते हैं। इस दौरान मेयर मधु आज़ाद ने भी विराग सागरजी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर दिगम्बर जैन मन्दिर के प्रधान पुष्पचंद जैन, उपप्रधान विपिन जैन, मंत्री मनीष जैन, कोषाध्यक्ष सुनील जैन, पालम विहार जैन मन्दिर के प्रधान पवन जैन, मंत्री विपिन जैन, सेक्टर-4 जैन मन्दिर के संरक्षक योगेश जैन, प्रधान ऋषभ जैन, सेक्टर-15 जैन मन्दिर के प्रधान देवेन्द्र जैन, डीएलएफ जैन मन्दिर के परम संरक्षक नवीन जैन, महासचिव अशोक जैन, संरक्षक शैलेष जैन और महावीर इंटरनेशनल संस्था के अध्यक्ष और जैन समाज के प्रवक्ता अभय जैन आदि गण्यमान्य उपस्थित थे।


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