प्राकृत भाषा के 400 वर्ष पुराने ग्रंथ का अनुवाद कर हिंदी में प्रकाशित होगा


जयपुर, 400 वर्ष प्राचीन जैन ग्रंथ श्री ज्योतिषसार : हीरकलश का हिंदी में अनुवाद कराया जा रहा है और इसका विमोचन जोधपुर में जैन मुनि से माह दिसम्बर में कराया जाएगा। इस ग्रंथ का अनुवाद कराने वाले जयपुर फुट यूएसए के चेयरमैन प्रेम भंडारी हैं। ग्रंथ के बारे में प्राकृतभारी अकादमी के संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक जयपुर फुट के संस्थापन डी.एस. मेहता ने लिखा है कि यह जैन ज्योतिष का विशेष अतिमहत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो प्राकृत भाषा में है। इस ग्रंथ का हिंदी में अनुवाद जैन दर्शन साहित्य के विद्वान पंडित भगवाद दास जैन ने किया है और प्राकृत भारती अकादमी ने इसे पुन: प्रकाशन का निर्णय लिया है।

इस कार्य हेतु प्रेरणा एवं आर्थिक सहयोग न्यूयार्क में रह रहे प्रेम भंडारी से मिली है। भंडारी ने ज्योतिष के विविध ग्रंथों का अध्ययन किया है और कई ज्योतिषाचायरे से चर्चा की है। जब भंडारी ने इस ग्रंथ के बारे में सुना तो उन्होंने प्राकृत भारती अकादमी से पुस्तक के पुन: प्रकाशन के लिए कहा।

हाल ही में प्रेम भंडारी लोकायुक्त एसएस कोठारी, कर्नाटक कैडर के आईपीएस पीएस संधु के साथ प्रसिद्ध नाकोडा तीर्थ गये थे। वहां ज्ञानशाला के प्राचार्य नरेंद्र कोरडिया की 20 साल की बेटी पूजा के ज्योतिष ज्ञान से अति प्रभावित हो उसे 11 हजार से पुरस्कृत किया था साथ ही पूजा को ज्योतिषाचार्य में पीएचडी कराने का जिम्मा लिया है। ज्ञातव्य हो कि श्री भंडारी ने पांच सौ साल पुराने प्राकृत भाषा में लिखे ग्रंथों का अनुवाद कराया जाएगा, जिसमें अमेरिका के परफ्यूम व्यवसायी कनक गोलिया सहित अन्य सहयोगी मदद करेंगे।


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