Jain temple in Udaipur खेरवाड़ा, उदयपुर जिले के खेरवाड़ा उपखण्ड़ की सुलई में देशभर का प्रथम युगादि पंच महातीर्थ अतिक्षय क्षेत्र खुणादरी का नवीन जिनालय आकार लेने लगा हैं । दिगम्बर जैन मन्दिर खुणादरी के ट्रस्टी के अनुसार निर्मित जिनालय में गर्भगृह सहित भरतपुर के बयाना के गुलाबी रंग के बन्शिपाल पत्थर के कुम्भि सहित लगभग 8 फिट ऊंचाई के 52 खम्भे स्थापित हो चुके हैं । इन खम्भों के उपर बन्शिपाल पत्थरों से तराशे गये ब्राकिट स्थापित किये जायेंगे । गुजरात के महुवा निवासी ठेकेदार अरविन्द भाई सोमपुरा के अुनसार स्थापित खम्भों को तराशने का कार्य सिरोही के शिल्पकार मोहन पुराजी राणा, भानाराम पुराजी व स्थानीय सुलई निवासी अम्बालाल गाडोलिया कर रहे हैं।
Jain temple in Udaipur – बिट डायमंड टूल से तराशे जाते हैं पत्थर
पत्थरों को तराशकर आकर्षक नक्काशी का कार्य हथेली जैसी लम्बी लोहे की पतली गोल राड से किया जाता हैं । जिसमें आगे की तरफ अगुंली की लम्बाई का बीट डायमंड लगा होता हैं । जिसे जयपुर से मंगवाया जाता हैं । छेनी व हथौडी की भांति बीट डायमंड टूल व हथौडी से पत्थरों को तराशा जा रहा हैं ।
मूर्ति चोरी के बाद से देशभर में सुर्खियों में आया खुणादरी
पॉच सौ वर्ष प्राचिन दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र खुणादरी से जनवरी 2009 में मुलनायक भगवान आदिनाथ की प्रतिमा के चोरी के बाद से एक वर्ष बाद दिल्ली से मूर्ति की बरामदगी के बाद से देश भर के प्रिन्ट व ईलेक्ट्रानिक मिडिय़ा में सुर्खियों में आये जीर्ण-शीर्ण मन्दिर को ऐतिहासिक मन्दिर बनाने के योजना के तहत यह अतिक्षय क्षेत्र को देश भर का प्रथम युगादि पंच महातीर्थ बनाने का निर्णय किया । खुणादरी को पंच महातीर्थ बनाने के लिए मुलनायक भगवान आदिनाथ की प्रतिमा के साथ प्रथम चारित्र चक्रवती भरत स्वामी, प्रथम कामदेव बाहुबलीजी, प्रथम मोक्षगामी अनंतवीर्य व प्रथम गणघर ऋषभसेन की भी प्रतिमा स्थापित की जायेगी । मंदिर निर्माण से स्थानीय लोगो को लम्बे समय से रोजगार मिल रहा हैं व भविष्य में भी देशभर से यात्रिओं की आवाजाही से ग्रामीणों को रोजगार मिलने की संभावना हैं।
- धरणेन्द्र जैन